नई दिल्ली
दक्षिण अफ्रीका में मिला कोरोना के नए वेरिएंट ओमीक्रोन ने पूरी दुनिया में दहशत फैला दी है। एम्स के प्रमुख डॉ. रणदीप गुलेरिया ने कहा है कि कोरोना के नए ओमीक्रोन वेरिएंट के स्पाइक प्रोटीन क्षेत्र में 30 से अधिक परिवर्तन मिले हैं, जो इसे प्रतिरक्षा तंत्र से बचने की क्षमता विकसित करने में मदद कर सकता है। उन्होंने कहा कि यही कारण है कि यह टीकों को चकमा देने में सक्षम हो सकता है
गुलेरिया ने कहा कि ओमीक्रोन के खिलाफ टीकों की प्रभावशीलता का मूल्याकंन गंभीरता से करने की जरूरत है। गौरतलब है कि स्पाइक प्रोटीन की उपस्थिति पोषक कोशिका में वायरस के प्रवेश को आसान बनाती है और इसे फैलने देने और संक्रमण पैदा करने के लिए जिम्मेदार है। एम्स के निदेशक ने बताया कि कोरोना के नए स्वरूप में स्पाइक प्रोटीन क्षेत्र में कथित तौर पर 30 से अधिक उत्परिवर्तन हुए हैं और इसलिए इसके प्रतिरक्षा तंत्र से बच निकलने की क्षमता विकसित करने की संभावना है।
गुलेरिया ने कहा कि अधिकांश टीके स्पाइक प्रोटीन के खिलाफ एंटीबॉडी बनाकर काम करते हैं, इसलिए स्पाइक प्रोटीन क्षेत्र में इतने सारे परिवर्तन से कोविड-19 टीकों की प्रभावशीलता कम हो सकती है। उन्होंने कहा कि भविष्य की कार्रवाई इस बात पर निर्भर करेगी कि इसके प्रसार, तीव्रता और प्रतिरक्षण क्षमता से बच निकलने के सामर्थ्य पर अधिक जानकारी में क्या सामने आता है।
बारीकी से नजर रखी जा रही
अधिकारियों ने कहा कि भारतीय सार्स-सीओवी-2 जीनोमिक कंसोर्टिया इनसाकोग कोरोना के नए स्वरूप बी.1.1.1.529 पर बारीकी से नजर रख रहा है और देश में इसकी उपस्थिति का अभी तक पता नहीं चला है। गुलेरिया ने अंतरराष्ट्रीय यात्रियों और उस क्षेत्र में जहां मामलों की संख्या में अचानक वृद्धि हुई है, दोनों के लिए बहुत सतर्क रहने और आक्रामक निगरानी रखने की आवश्यकता पर बल दिया।
कोविड उपयुक्त व्यवहार का पालन करने की सलाह
गुलेरिया ने कहा कि हमें सभी से इमानदारी से कोविड उपयुक्त व्यवहार का पालन करने के लिए कहना चाहिए और अपनी सुरक्षा को कम नहीं करना चाहिए। साथ ही यह भी सुनिश्चित करना होगा कि लोगों को टीके की दोनों खुराकें मिलें और जिन लोगों ने अभी तक टीका नहीं लिया है, उन्हें इसे लेने के लिए आगे आने के लिए प्रोत्साहित किया जाए।