नई दिल्ली
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आज भारी सुरक्षा व्यवस्था के बीच केदारनाथ धाम पहुंच चुके हैं। यहां पहुंचकर उन्होंने विकास कार्यों का जायजा लिया। प्रधानमंत्री ने 18 मिनट तक बाबा केदार के गर्भगृह में पूजा-अर्चना की। उन्होंने आदि गुरु शंकराचार्य की 12 फीट लंबी और 35 टन वजन वाली प्रतिमा का अनावरण किया। अनावरण के बाद पीएम ने प्रतिमा के पास बैठकर उपासना की। इस प्रतिमा को मैसूर स्थित मूर्तिकार ने बनाया है। बता दें कि आदि गुरु शंकराचार्य समाधि की मूल प्रतिमा 2013 में आई प्राकृतिक आपदा में बह गई थी। इसे केदारनाथ मंदिर के ठीक पीछे और समाधि क्षेत्र के बीच में बनाया गया है। पीएम ने 400 करोड़ रुपये से अधिक की पुनर्निर्माण परियोजनाओं का लोकार्पण और शिलान्यास कर दिया है। अब वे देश को संबोधित कर रहे हैं।
आज अयोध्या में भगवान श्रीराम का मंदिर बड़े ही गौरव के साथ बन रहा है। अयोध्या को सदियों बाद उसका गौरव वापस मिल रहा है। भारत की प्राचीन सांस्कृति र्वरूप कैसा रहा होगा इसकी हम आज कल्पना कर रहे हैं। यूपी में काशी के कायाकल्प का काम हो रहा है। भारत राम से जुड़े जितने भी तीर्थस्थान हैं उन्हें जोड़कर सर्किट बनाने का काम चल रहा है।
आदि शंकराचार्य ने भारतीय परंपरा में प्राण फूंके। मठों ने पीढ़ी दर पीढ़ी हमारा मार्गदर्शन किया है। आज के समय पर आदि शंकराचार्य का ज्ञान ज्यादा प्रासंगिक है। शंकराचार्य ने जीवंत परंपरा खड़ी की। तीर्थाटन भारत की जीवंत परंपरा है। बाबा केदार के दर्शन करके हर श्रद्धालु एक नई ऊर्जा लेकर जाता है।
देश को संबोधित करते हुए पीएम मोदी ने कहा कि आज केदारनाथ में यात्री सेवाओं और सुविधाओं से जुड़ी कई योजनाओं का शिलान्यास भी हुआ है। पर्यटक सुविधा केंद्र का निर्माण हो, यात्रियों और यहां की सुविधा के लिए आधुनिक अस्पताल हो ऐसी कई सुविधा श्रद्धालुओं की सेवा का माध्यम बनेंगी। इस आदि भूमि पर शाश्वत के साथ आधुनिकता का ये मेल, विकास के ये काम भगवान शंकर की सहज कृपा का ही परिणाम हैं। मैं इन पुनीत प्रयासों के लिए उत्तराखंड सरकार का, मुख्यमंत्री धामी जी का, और इन कामों की जिम्मेदारी उठाने वाले सभी लोगों का भी धन्यवाद करता हूं।
प्रधानमंत्री ने कहा कि केदारनाथ में आई आपदा के बाद लोगों को लग रहा था कि क्या उनका केदार कभी फिर से खड़ा हो पाएगा। पर मुझे विश्वास था कि केदारनाथ पूरी आन-बान-शान के साथ खड़ा होगा। यहां मेरे विश्वास के साकार होने का संतोष है। केदारनाथ की सेवा से बड़ा पुण्य कुछ भी नहीं है। यहा का काम ईश्वरीय कृपा है। इसका इंसान क्रेडिट नहीं ले सकता है। यहां बर्फबारी के बीच भी मेरे सभी भाई-बहन वे ये ईश्वरीय कार्य मानकर, काम छोड़कर जाते नहीं थे, काम करते थे तभी ये काम हो पाया है। मैं अपने दफ्तर से ड्रोन के जरिए लगातार बारिकियों को देखता था। मैं यहां वर्चुअली आता था।
प्रधानमं6ी ने कहा कि दीपावली के अवसर पर कल मैं अपने सैनिकों के साथ था। आज मैं सैनिकों की भूमि पर हूं। मैंने त्योहार की खुशियां अपने सैनिकों के साथ बांटी हैं। मैं 130 करोड़ देशवासियों का आशीर्वाद लेकर उनके पास गया था। गोवर्धन पूजा के दिन केदारनाथ धाम जी में दर्शन-पूजा करने का मुझे सौभाग्य मिला है। बाबा केदार के दर्शन के साथ मैंने आदि शंकराचार्य की समाधि स्थल में कुछ पल बिताए। वे दिव्य पल थे। मैं केदारनाथ आकर कण-कण से जुड़ जाता हूं।