Saturday, February 8

छोटी बेटी को संपत्ति का अधिकार बदलने की कवायद

छोटी बेटी को संपत्ति का अधिकार बदलने की कवायद


 दिल्ली 
मेघालय के आदिवासी समाज में सदियों से पैतृक संपत्ति की मालकिन घर की सबसे छोटी बेटी ही होती रही है. खासी पर्वतीय स्वायत्त जिला परिषद ने सभी संतानों को संपत्ति में बराबरी का हिस्सा देने का फैसला किया है.मेघायल में संपत्ति उत्तराधिकार विधेयक पारित किया जाएगा. यह देश में एकमात्र ऐसा समाज है जहां छोटी बेटी संपत्ति की मालकिन होती है. पहले केरल के नायर समुदाय में भी मातृसत्तात्मक परंपरा थी. लेकिन वर्ष 1925 में कानून के जरिए उसे बदल दिया गया था. मेघालय में तीन प्रमुख जनजातियां हैं, गारो, खासी और जयंतिया. इन तीनों में मातृसत्तात्मक समाज की परंपरा है. वर्ष 2011 की जनसंख्या के अनुसार राज्य की कुल जनसंख्या 30 लाख के करीब है. इसमें करीब आधी आबादी खासी समुदाय की है. इन तीनों जनजातियों में पैतृक संपत्ति की मालिक परिवार की सबसे छोटी बेटी होती है. यहां शादी के बाद लड़की के नाम पर ही वंश चलता है. देश के दूसरे हिस्सों में बेटा होने पर बधाई दी जाती है.

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *