वॉशिंगटन
अमेरिकी खगोलविदों के अगले 10 साल का सबसे अहम मिशन पृथ्वी के अलावा दूसरे ग्रहों पर अलौकिक जीवन को ही खोजने की है। अमेरिकी खगोलविदों की 'टू-डू लिस्ट' में सबसे ज्यादा अहम मिशन इस बात को लेकर है, कि पृथ्वी के अलावा किन ग्रहों पर जीवन हो सकता है, या फिर पृथ्वी के अलावा किन ग्रहों पर जीवन मौजूद है, जिन्हें आम भाषा में एलियन कहा जाता है।
अमेरिका की नेशनल एकेडमी ऑफ साइंसेज, इंजीनियरिंग एंड मेडिसिन द्वारा गुरुवार को जारी एक रिपोर्ट में कहा गया है कि, खगोलविदों ने पहले से ही "असाधारण प्रगति" हासिल की है और उन सितारों की खोज पर सबसे ज्यादा ध्यान दिया है, जिसपर संभावित जीवन हो सकता है, या फिर ऐसे ग्रहों की खोज करने पर सबसे ज्यादा ध्यान दिया गया है, जिसपर भविष्य में जीवन की संभावना हो सकती है। रिपोर्ट में कहा गया है कि, वैज्ञानिकों का आखिरी लक्ष्य ब्रह्मांड में मौजूद किसी भी ऐसे ग्रह की तस्वीर लेने की है, उनकी खोज करने की और उनके बारे में जानकारियां जुटाने की हैं, जो पृथ्वी जैसी हो सकती है।
रिपोर्ट में कहा गया है कि "पृथ्वी पर जीवन एक सामान्य प्रक्रिया का परिणाम हो सकता है, या फिर पृथ्वी पर संयोगवश ऐसी असमान्य परिस्थितियों का निर्माण हो गया होगा, जिसकी वजह से पृथ्वी पर जीवन मुमकिन हो पाया और ये भी हो सकता है कि, शायद इस ब्रह्मांड में या हमारी आकाशगंगा में पृथ्वी ही एकमात्र ऐसा ग्रह हो सकता है, जहां पर जीवन मुमकिन हो गया हो।'' रिपोर्ट में कहा गया है कि, ''आने वाले 10 सालों में हमारी मानवता इस बात को खोजने की कोशिश करेगी, कि क्या हम अकेले हैं या फिर हमारे अलावा किसी और ग्रह पर भी जीवन मौजूद है? इसके अलावा भी अमेरिका के वैज्ञानिकों का लक्ष्य ब्लैक होल, न्यूट्रॉन सितारों, आकाशगंगाओं और पूरे ब्रह्मांड की उत्पत्ति और विकास की खोज करना है।
614 पेज की इस रिपोर्ट में विविधताओं पर बल दिया गया है और बताया गया है और सुझाव दिया गया है कि, नासा एक विज्ञान टीम की विविधता पर विचार करता है जब अनुसंधान या परियोजनाओं के लिए पैसा खर्च किया जाता है। आपको बता दें कि, सर्वेक्षण हर 10 साल में किया जाता है और ज्यादातर यूएस-आधारित वैज्ञानिकों के स्कोर से इनपुट प्राप्त होता है। इस लेटेस्ट रिपोर्ट में सिफारिश की गई है कि, नासा आने वाले दशकों में अंतरिक्ष अनुसंधान केन्द्र और ऑवरलेपिंग मिशनों की देखरेख के लिए एक नया कार्यालय बनाए। इस रिपोर्ट में एक विशालकाय टेलीस्कोप बनाने की बात की गई है, जो पथ्वी पर मौजूद सबसे बड़े हबल स्पेस टेलीस्कोप से भी काफी बड़ा हो, और जो अपने सितारों की तुलना में 10 अरब गुना कमजोर ग्रहों को ढूंढने में सक्षम हो। एक बार आवश्यक टेक्नोलॉजी तैयार हो जाने के बाद यह दूरबीन 2040 के दशक में लगभग 11 अरब डॉलर में लॉन्च करने के लिए तैयार हो सकती है, इसके बाद अरबों डॉलर में दूसरे मेगा वेधशालाएं हो सकती हैं।
इस रिपोर्ट में वैज्ञानिकों से छोटे मिशनों पर भी ज्यादा जोर देने का सुझाव दिया गया है। इसमें कहा गया है कि छोटे मिशनों के लिए हर साल 1.5 अरब डॉलर की लागत के साथ हर दशक में स्पेसक्राफ्ट को लॉंच करना चाहिए। इस रिपोर्ट में पिछले कई सालों में प्रमुख अंतरिक्ष परियोजनाओं में हो रही देरी की वजह से खतरों का जिक्र किया गया है। जिसमें नासा के उस मिशन का भी जिक्र किया गया है, जिसमें नासा के नेतृत्व वाले जेम्स वेब स्पेस टेलीस्कोप, जिसे ब्रह्मांड के शुरूआती जानकारियों को जुटाने के लिए बनाया गया था, लेकिन उसमें विस्फोट हो गया, इसको लेकर भी रिपोर्ट में चिंता जताई गई है। इसके अलावा रिपोर्ट में कहा गया है कि, अब नासा को महामारी विज्ञान को लेकर भी अपने काम को विस्तार देना चाहिए।