भोपाल
उच्च शिक्षा विभाग के आॅनलाइन सिस्टम ने प्राइवेट कॉलेजों की कमर तोड़ दी हैं। जहां अंतिम तिथि बीतने के पहले सीटें फुल होने के बाद बोड पहले लग जाते थे, वे कालेज एक-एक विद्यार्थी को प्रवेश देने के लिए अंतिम तिथि बढ़ाने की गुजारिश में लगे हुए हैं। निजी कॉलेजों में 22 फीसदी प्रवेश होने पर पांच लाख से ज्यादा सीटें रिक्त बनी हुई हैं। जबकि सरकारी कॉलेजों में दो लाख सीटें रिक्त हैं। उनके यूजी-पीजी में 72 फीसदी प्रवेश हुए हैं।
राज्य के 1301 निजी, सरकारी और अनुदान प्राप्त कॉलेजों के यूजी पीजी में करीब छह लाख 33 लाख प्रवेश हो चुके हैं। इसमें सबसे ज्यादा प्रवेश सरकारी कॉलेजों में हुए हैं। जबकि प्राइवेट कॉलेजों की संख्या ज्यादा होने के बाद सीटें कम हैं। इसके बाद भी उनकी स्थिति काफी लचर बनी हुई है। उन्हें अभी तक यूजी-पीजी में 22 फीसदी ही प्रवेश मिले हैं। शेष सरकारी और अनुदान प्राप्त कॉलेजों में प्रवेश हुए हैं। निजी कॉलेजों में पांच लाख सीटें रिक्त हैं। जबकि एक समय था जब विद्यार्थी सरकारी को नजरअंदाज कर प्राइवेट कॉलेजों में प्रवेश लेकर डिग्री करने में दिलचस्पी लेते हैं।