Friday, February 14

पेट्रोल-डीजल के बाद सरसों तेल और रिफाइंड की भी कम हुई कीमत

पेट्रोल-डीजल के बाद सरसों तेल और रिफाइंड की भी कम हुई कीमत


गोरखपुर
महंगाई का पेट्रोल-डीजल की कीमतों से रिश्‍ता हर कोई जानता है। जब कभी इनकी कीमतें बढ़ती या घटती हैं तो बाजार पर भी इसका सीधा असर नज़र आने लगता है। केंद्र और प्रदेश सरकार द्वारा करों में कटौती कर पेट्रोल-डीजल की कीमतों में फौरी राहत दिए जाने के बाद खाद्य तेलों में भी कुछ नरमी दिख रही है। थोक कीमतें तो कम हुई हैं, लेकिन इसका असर अभी फुटकर मार्केट में पूरी तरह नहीं दिख रहा है। थोक में 10 दिन में रिफाइंड की कीमतें प्रति लीटर 10 रुपये तक कम हुई हैं। हालांकि कोल्हू मशीनों पर तेल की कीमतों में राहत नहीं मिल रही है जबकि सरसों की कीमतों में प्रति क्विंटल 1000 रुपये तक की कमी आई है।

खाद्य तेलों की आसमान छूती कीमतों को देखते हुए केन्द्र सरकार ने सोया और पाम ऑयल से कस्टम डयूटी खत्म कर दिया है। जिसके बाद से रिफाइंड आयल के दाम गिरने शुरू हो गए हैं। सिर्फ 10 दिनों में 10 से 15 रुपये प्रति लीटर तक की कमी आई है। हालांकि कोल्हू पर तेल 230 रुपये प्रति किलोग्राम मिल रहा है। जबकि सरसों की कीमतों में 1000 रुपये तक की कमी आई है। तेल मिल के मालिक महेश अग्रवाल की दलील है कि ‘9300 रुपये क्विंटल वाले सरसों पर 40 फीसदी की रिकवरी है, वहीं 7500 रुपये क्विंटल वाले सरसों में सिर्फ 28 फीसदी की रिकवरी है। फरवरी में नई फसल आने के बाद ही कीमतों में कमी उम्मीद की जा सकती है।’

चेंबर ऑफ कामर्स के अध्यक्ष संजय सिंघानिया का कहना है कि ‘वायदा बाजार और आयात शुल्क के चलते खाद्य तेलों की कीमतों में तेजी है। गोरखपुर समेत देश के प्रमुख संगठनों द्वारा आवाज उठाने के बाद वायदा कारोबार से खाद्य तेलों को हटाया गया, और आयात शुल्क कम किया गया जिससे खाद्य तेलों में कमी आई है।’ फुटकर कारोबारी केदार गुप्ता का कहना है कि ‘कीमतें जिस तेजी से बढ़ीं, उस आधार पर कम नहीं हो रही है। पुराना स्टॉक खत्म होने के बाद कीमतों में कमी दिखने लगेगी।’

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