दिल्ली
100 करोड़ टीके देने का जश्न मनाने के बाद भारत अब पूर्ण टीकाकरण की असलियत का सामना कर रहा है. अधिकांश लोगों को टीका लगाने के लिए नई रणनीतियों पर काम शुरू किया जा रहा है.भारत सरकार ने कुछ ही दिनों पहले 100 करोड़ टीके देने का जश्न मनाया था, लेकिन सरकार ने अब जा कर इस हकीकत को माना है कि स्थिति अभी भी काफी चुनौतीपूर्ण बनी हुई है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने एक विशेष बैठक में इस चुनौती को रेखांकित किया है और सभी राज्यों को टीकाकरण कार्यक्रम को अगले चरण में ले जाने के लिए कहा है. दरसअल जिन 100 करोड़ टीकों का जश्न मनाया गया था, उनमें से अधिकांश टीके सिर्फ पहली खुराक के हैं. अनुमान है कि टीका लेने के योग्य कुल आबादी में से सिर्फ 30-35 प्रतिशत लोगों को दोनों टीके लगे हैं. यह संख्या भी कुछ ही राज्यों में ज्यादा है और अधिकतर में कम.
सिर्फ पांच राज्यों में 50 प्रतिशत से ज्यादा योग्य लोगों को दोनों टीके दिए जा चुके हैं. अभी दिल्ली दूर है राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली भी अभी तक 50 प्रतिशत के इस मील के पत्थर को हासिल नहीं कर पाई है. और तो और, देश में 48 जिले ऐसे भी हैं जहां पहला टीका भी अभी तक 50 प्रतिशत से कम लोगों को लगा है. प्रधानमंत्री ने एक विशेष बैठक में उन सभी राज्यों के मुख्यमंत्रियों और अधिकारियों से बात की जहां टीकाकरण की दर अभी भी 50 प्रतिशत से नीचे है. उन्होंने कहा कि 100 करोड़ का आंकड़ा हासिल करने के बाद "अगर हम ढीले पड़ गए तो एक नया संकट आ सकता है" उन्होंने कहा कि टीकाकरण कार्यक्रम की गति बढ़ाने के लिए नई रणनीतियों पर काम करने की जरूरत है. संभव है कि आने वाले दिनों में टीकाकरण कार्यक्रम में एक बड़ा बदलाव आए.
