Tuesday, February 11

राजस्थान में 11000 से ज्यादा व्याख्याता बनेंगे उपप्रधानाचार्य

राजस्थान में 11000 से ज्यादा व्याख्याता बनेंगे उपप्रधानाचार्य


जयपुर
राजस्थान में राजकीय उच्च माध्यमिक विद्यालयों में उपप्रधानाचार्य के पद सृजित किए जाएंगे जिससे 11 हजार से अधिक व्याख्याता इस पद पर पदोन्नति पा सकेंगे। मुख्यमंत्री अशोक गहलोत की अध्यक्षता में शुक्रवार को हुई शिक्षा विभाग की समीक्षा बैठक में यह फैसला किया गया। बैठक के बाद जारी बयान के अनुसार, मुख्यमंत्री गहलोत ने इस बैठक में माध्यमिक शिक्षा के उन्नयन, व्याख्याताओं को प्रधानाचार्य के पद पर पदोन्नति के बेहतर अवसर उपलब्ध कराने तथा अध्यापक पात्रता परीक्षा (रीट परीक्षा-2021) पास कर चुके बीएड के अध्ययनरत विद्यार्थियों को अध्यापक भर्ती-2021 में आवेदन के अवसर उपलब्ध कराने के लिए कई महत्वपूर्ण निर्णय किए हैं।
     
बयान में कहा गया कि बैठक में किए गए निर्णयों में राज्य के 11,353 राजकीय उच्च माध्यमिक विद्यालयों में उपप्रधानाचार्य के पदों का सृजन करना, राजकीय माध्यमिक विद्यालयों के 3,533 प्रधानाध्यापकों के कैडर को समाप्त कर इन विद्यालयों में अब प्रधानाचार्य लगाने व इसके लिए प्रधानाचार्य के नए पद सृजित किया जाना भी शामिल है।
     
इसमें कहा गया कि कोरोना महामारी से उत्पन्न परिस्थितियों के चलते बीएड में अध्ययनरत अभ्यर्थियों का परीक्षा परिणाम रीट-2021 के परीक्षा परिणाम से पूर्व घोषित नहीं हो पाया है और इन अभ्यर्थियों को राजस्थान प्राथमिक एवं उच्च प्राथमिक विद्यालय अध्यापक सीधी भर्ती में आवेदन की अंतिम दिनांक तक शैक्षणिक एवं प्रशैक्षणिक योग्यता प्राप्त करने का अवसर दिया जाएगा। गहलोत के इस निर्णय से बड़ी संख्या में बीएड में अध्ययनरत अभ्यर्थी अध्यापक सीधी भर्ती के पात्र हो सकेंगे।
     
बैठक में अध्यापक भर्ती परीक्षा प्रक्रिया को और बेहतर बनाने के लिए भविष्य में पात्रता परीक्षा के बाद चयन के लिए अलग से परीक्षा आयोजित कराने पर भी विचार विमर्श किया गया। शिक्षा राज्यमंत्री गोविन्द सिंह डोटासरा ने कहा कि शिक्षकों की लंबे समय से पदोन्नति के अवसर बढ़ाने की मांग चली आ रही थी। मुख्यमंत्री के इस निर्णय से प्रदेश के हजारों व्याख्याताओं को पदोन्नति का मौका मिल सकेगा और साथ ही इससे माध्यमिक एवं उच्च माध्यमिक स्तर पर शिक्षा की गुणवत्ता में भी सुधार होगा।

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