Sunday, March 26

सीबीएसई टर्म-1 परीक्षा को लेकर सुप्रीम कोर्ट पहुंचे छात्र, ऑनलाइन परीक्षा देने के ऑप्शन की मांग

सीबीएसई टर्म-1 परीक्षा को लेकर सुप्रीम कोर्ट पहुंचे छात्र, ऑनलाइन परीक्षा देने के ऑप्शन की मांग


नई दिल्ली
केन्द्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (सीबीएसई) और आईसीएसई की 10वीं और 12वीं की टर्म-1 परीक्षा सिर्फ ऑफलाइन माध्यम से (कक्षा में बैठकर) आयोजित करने के विरोध में कई छात्रों ने उच्चतम न्यायालय का दरवाजा खटखटाया है। छात्रों ने कोरोना महामारी के बढ़ने की आशंका का हवाला देते हुए वैकल्पिक व्यवस्था के तौर पर ऑनलाइन माध्यम से भी परीक्षा कराने की मांग की है। छात्रों ने याचिका में कहा है कि परीक्षा हाईब्रिड मोड (ऑनलाइन और ऑफलाइन दोनों) में होनी चाहिए। याचिका में सुप्रीम कोर्ट से सीबीएसई और सीआईएससीई को यह निर्देश देने का अनुरोध किया गया है कि वह टर्म-1 परीक्षाएं कोविड-19 महामारी के बीच हाइब्रिड मोड में आयोजित करने के लिए एक संशोधित परिपत्र जारी करे।

बोर्ड परीक्षाओं में शामिल होने वाले छह छात्रों द्वारा दायर याचिका में आरोप लगाया गया है कि टर्म एक या सेमेस्टर एक परीक्षा को केवल ऑफलाइन मोड में आयोजित करने में बोर्ड की पूरी कवायद बेहद अनुचित है।

सीबीएसई 16 नवंबर से और आईसीएसई 22 नवंबर से परीक्षाएं आयोजित करने जा रही है। काउंसिल फॉर द इंडियन स्कूल सर्टिफिकेट एग्जामिनेशन (सीआईएससीई) की बोर्ड परीक्षा के सेमेस्टर एक की परीक्षा 22 नवंबर से शुरू होगी।

अधिवक्ता सुमंत नूकला द्वारा दायर याचिका में कहा गया है कि आगामी परीक्षाएं हाइब्रिड मोड में आयोजित की जाएं, जिसमें ऑफलाइन और ऑनलाइन परीक्षा के बीच चयन करने का विकल्प हो।

अर्जी में कहा गया है, ''सहमति महत्वपूर्ण है क्योंकि परीक्षा सीधे याचिकाकर्ताओं के मानसिक स्वास्थ्य से संबंधित है, जिसमें निष्पक्ष मूल्यांकन सुनिश्चित करने के लिए अनुकूल और स्वैच्छिक माहौल की आवश्यकता होती है। यह सामान्य ज्ञान है कि कोविड महामारी की तीसरी लहर की भविष्यवाणी की गई है।''

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