Saturday, February 8

11 नए सरकारी कॉलेज स्थापित, स्टूडेंट्स नहीं दिखा रहे दिलचस्पी

11 नए सरकारी कॉलेज स्थापित, स्टूडेंट्स नहीं दिखा रहे  दिलचस्पी


 

भोपाल
उच्च शिक्षा विभाग ने वर्तमान सत्र 2021-22 से 11 नए सरकारी कॉलेज स्थापित कर उनमें प्रवेश देने की व्यवस्था काउंसलिंग में शामिल किया है। काउंसलिंग पर विराम लग गया है। विद्यार्थियों ने 11 कॉलेजों में प्रवेश लेने में काई दिलचस्पी नहीं दिखाई है। यहां तक दो कॉलेजों में एक भी एडमिशन नहीं हुआ है। वहीं, 3,650 सीटों में से 402 ही प्रवेश हुए हैं। मतलब विभाग नए कॉलेजों की सीटों पर महज 11 फीसदी प्रवेश ही करा सका है।

उच्च शिक्षा विभाग ने बिना प्लानिंग किए राज्य में 11 नए कॉलेज खोल कर बीच काउंसलिंग में प्रवेश शुरू करा दिए। यहां तक उक्त 11 नये कॉलेजों में प्राचार्य, असिस्टेंट प्रोफेसर, खेल अधिकारी, ग्रंथपाल सहित करीब 233 और मुख्यम लिपिक, लेखापाल, सहायक ग्रेड 2 के 33 पद तथा आउटसोर्स के 195 पदों को स्वीकृति का 27 सितंबर को आदेश जारी कर दिए थे। इसके बाद विभाग ने उक्त कॉलेजों के काउंसलिंग में शामिल किया। विभाग ने उक्त 11 नए कॉलेजों में तीन हजार 650 सीटों पर प्रवेश देना शुरू किया, लेकिन विभाग 402 विद्यार्थियों को ही प्रवेश करा सका है। अभी भी 89 फीसदी सीटें रिक्त हैं। इसमें दो कॉलेजों में एक भी विद्यार्थी ने प्रवेश नहीं लिया है। उप चुनाव के पहले सतना के रैगांव में कॉलेज खोला गया था, इसमें 1200 सीटें हैं लेकिन एडमिशन केवल सात हुए हैं।  सरकार ने कई नए कॉलेज खोले थे लेकिन कहीं-कहीं एक भी एडमिशन नहीं हुआ। सबसे ज्यादा एडमिशन देवास के उदय नगर में 110 हुए।

नए कॉलेज की वर्तमान स्थिति
कॉलेज                                सीट   प्रवेश
दिमनी मुरैना                        60     00
रिठौराकला जिला मुरैना         60     00
राजोधा मुरैना                      60     02
रैगांव सतना                       1200  07
पिछोर ग्वालियर                 100    17
गोरमी भिंड                       360    21    
दिनारा शिवपुरी                  100    38
घुवारा छतरपुर                  100    51
जैसीनगर सागर                 800    74
गर्ल्स कॉलेज अनूपपुर         150    82
उदय नगर जिला देवास       660   110

89 फीसदी सीटें इसलिए रहीं रिक्त
विभागीय अधिकारियों का कहना है कि विभाग ने उक्त कॉलेजों में प्रवेश कराने की व्यवस्था दो राउंड की काउंसलिंग पूर्ण होने के बाद की है। इसलिए स्थानीय लोगों को कॉलेजों की पूर्ण जानकारी नहीं मिल सकी है। इसके कारण सीटें रिक्त रह गई हैं। सभी कॉलेजों में मौजूदा शैक्षणिक और अशैक्षणिक पदों से कम प्रवेश हुए हैं। इस तरह से सरकारी खजाने पर 11 कॉलेज आर्थिक बोझ बढ़ाएंगे।

523 हुई सरकारी कॉलेजों की संख्या
2008 में मप्र में 302 सरकारी कॉलेज थे। तत्कालीन मुख्यमंत्री शिवराज सिंह की घोषणा और स्थानीय नेता और मंत्री की मांगों पर अमल करते पिछले दस सालों में 215 कॉलेजों खोले गए। वर्तमान सत्र में 11 नये कॉलेजों की साथ अब कुल सरकारी कॉलेजों की संख्या 528 तक पहुंच गई है। 

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