Tuesday, December 2

चीन में भी आया ओमिक्रॉन का पहला केस, डेल्टा मामलों में तेजी से वृद्धि

चीन में भी आया ओमिक्रॉन का पहला केस, डेल्टा मामलों में तेजी से वृद्धि


नई दिल्ली

कोरोना वायरस के नए वैरिएंट ओमिक्रॉन को लेकर दुनियाभर में चिंता बनी हुई है साथ ही साथ इसको लेकर कई जानकारियां भी लगातार सामने आ रही हैं। इसी बीच चीन में भी इस वेरिएंट की एंट्री हो चुकी है। चीन ने डेल्टा के प्रकोप के बीच ओमिक्रॉन के पहले मामले की रिपोर्ट उत्तरी शहर तियानजिन से दी है। इसे डेल्टा का ही एक उप वैरिएंट बताया गया है।

दरअसल, मीडिया रिपोर्ट्स में चीन की एजेंसी सीजीटीएन-टीवी के हवाले से सोमवार को बताया गया है कि उत्तरी चीन के तियानजिन शहर में ओमिक्रॉन का पहला मामला सामने आया है। रिपोर्ट में कहा गया है कि विदेश से आए एक शख्स इससे संक्रमित पाया गया है। मरीज का इलाज शहर के एक अस्पताल में शुरू किया गया है और उसे तत्काल आइसोलेट कर दिया गया है। हालांकि मरीज और उसकी तबीयत के बारे में कुछ और नहीं बताया गया है।

उधर चीन में डेल्टा के मामले लगातार बढ़ रहे हैं। चीन के झेजियांग प्रांत में 138 नए मामले सामने आए हैं। ये सभी लोग डेल्टा के उप वंश एवाई-4 से संक्रमित हैं। अधिकारियों ने पूर्वी प्रांत के लाखों लोगों के बाहर यात्रा करने पर रोक लगा दी है। सरकारी टीवी के अनुसार, चीन में पहली बार डेल्टा स्वरूप के नए उप वंश के मामले सामने आए हैं।

सरकारी समाचार एजेंसी शिन्हुआ ने भी रविवार को अपनी एक रिपोर्ट में बताया कि झेजियांग प्रांत में पांच से 12 दिसंबर के बीच कोरोना के 138 मामले सामने आए हैं। रिपोर्ट्स में यह भी बताया गया है कि सोमवार को सामने आए 80 मामलों में से 74 झेजियांग, पांच इनर मंगोलिया और एक शानक्सी प्रांत में सामने आए। झेजियांग प्रांतीय केंद्र रोग नियंत्रण और रोकथाम के एक अधिकारी ने कहा कि जीनोम सिक्वेंसिंग विश्लेषण से सामने आया कि तीन शहरों में मामले डेल्टा स्ट्रेन एवाई 4 के कारण बढ़े हैं।

बता दें कि दक्षिण अफ्रीका में सबसे पहले ओमिक्रॉन का पता चला था। उसके शुरुआती आंकड़ों के अध्ययन से यह पता चलता है कि कोरोना की वैक्सीन कुछ हद तक सुरक्षा प्रदान करने में सक्षम है लेकिन ताजे अपडेट के बाद ओमिक्रॉन पर वैक्सीन के असर को लेकर एक बार फिर से चर्चा शुरू हो गई है कि क्या वैक्सीन का इस नए वैरिएंट पर असर होगा या नहीं होगा।

उधर ओमिक्रॉन के खिलाफ अपनी वैक्सीन के प्रभावीकरण को लेकर बायोएनटेक और फाइजर निर्माताओं ने हाल ही में एक आधिकारिक बयान में कहा कि वैक्सीन की दोनों खुराक एंटीबॉडी को थोड़ा कम विकसित करती हैं। लेकिन तीसरी डोज (बूस्टर शॉट) से व्यक्ति के शरीर में एंटीबॉडी 25 प्रतिशत और बढ़ जाता है। कुल मिलाकर वैक्सीन के तीसरी डोज लगाते ही शरीर में ओमिक्रॉन से लड़ने के लिए एंटीबॉडी सक्षम हो जाती है।

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