भागलपुर
डेढ़ दशक के बाद एक बार फिर पत्ते की थाली व कटोरी का जमाना लौटेगा। अभी तक बाजार पर 85 प्रतिशत प्लास्टिक व थर्मोकोल की थाली का कब्जा था। सिंगल यूज प्लास्टिक और थर्मोकोल पर रोक के बाद अब लोगों के पास भोज में पत्ते, पेपर व बायोडिग्रेबल थाली के विकल्प हैं। इस क्षेत्र में अब रोजगार बढ़ने की संभावना भी बन गई है।
कम कीमत के कारण बाजार में बढ़ी मांग
थाली व कटोरी का कारोबार कर रहे वेरायटी चौक स्थित एक विक्रेता कैलाश ने बताया कि डेढ़ दशक पहले पत्ते की थाली व कटोरी ही ज्यादा बिकती थी लेकिन कम कीमत के कारण प्लास्टिक व थर्मोकोल की थाली बाजार पर हावी हो गई। सबसे बड़ी बात यह थी इसमें किसी तरह का परेशानी नहीं होती थी। जबकि पत्ते की थाली व कटोरी में छेद निकल जाता था। उन्होंने बताया कि पत्ते की थाली की कीमत डेढ़ से दो रुपये, कटोरी 70 से 75 पैसा जबकि थर्मोकोल की थाली एक रुपये व कटोरी 30 से 35 पैसा पड़ता है। इस कारण आधी कीमत में उन्हें यह उपलब्ध हो जाता था।

