मुरैना
जिला चिकित्सालय मुरैना के सिविल सर्जन सह अस्पताल अधीक्षक डॉ. विनोद गुप्ता ने कहा है कि वायु प्रदूषण स्वास्थ्य के लिये हानिकारक है, पर्यावरण में दूषित पदार्थों के कारण प्रकृतिक संतुलन में पैदा होने वाले दोष प्रदूषण कहलाता है। प्रदूषण पर्यावरण द्वारा जीव-जंतुओं को नुकसान पहुंचाता है। जैसे प्रदूषित वायु जल मिट्टी आदि द्रव्यों से दूषित होना। जिसका सजीव पर प्रत्यक्ष रूप से विपरीत प्रभाव पड़ता है। आज हमारा वातावरण दूषित हो गया है। जैसे वाहनों से निकलने वाला धुआं, फैक्टरियों से निकलने वाली गैस, मानव कृतियों से निकलने वाले गर्दै कचरे, गंदे पानी की नदियों का जल, अनेक प्रकार के रेफ्रिजरेटर, ऐयर कंडिशनर की भी गैसों के कारण प्रदूषण हो रहा है। जिससे व्यक्तियों को कई प्रकार की बीमारियों का सामना करना पड़ता है।
सिविल सर्जन डॉ. गुप्ता ने बताया कि 65 वर्ष से अधिक आयु के बुजुर्ग, 5 वर्ष से कम उम्र के बच्चे, गर्भवती महिलाऐं, गंभीर बीमारी वाले व्यक्तियों पर प्रदूषण का पड़ता है। उन्होंने बताया कि ज्यादा भीड़-भाड़ वाली जगह, कारखाने आदि स्थानों पर ना जायें। घर के खिड़की दरवाजे सुबह-शाम को न खोलें। सिर्फ दोपहर में खोले, जिससे मच्छर गंदी हवा प्रवेश न करें, वीड़ी, सिगरेट, तम्बाकू का सेवन न करें। आतिशवाजी लकड़ी के पत्ते, घर पर कचरा न जलायें। ज्यादा समय घर में रहने का प्रयास करें, बाहर की गतिधियों में परिवर्तन करें। सांस चलना, चक्कर आना, खांसी, छाती में दर्द, बेचेनी, घबराहट, आखों में जलन और आखों में पानी आना, आंखों का लाल होना आदि होने पर तुरन्त चिकित्सक को दिखायें एवं सांस, हृदय के रोगी हमेशा अपने पास दवाईयां रखें, खाना पकाने तथा घर पर गरम करने लिए धुआ रहित का उपयोग करें। जिससे वायु प्रदूषण से होने वाले दुष्प्रभाव से बचाव हो सके।