भोपाल
मप्र के सटे पड़ोसी राज्यों में ओमिक्रॉन वैरियंट के दस्तक के बाद मप्र में अलर्ट जारी कर दिया गया है। आवश्यक तमाम मेडिकल उपकरणों का आॅडिट भी किया जा रहा है। साथ ही ईडीएल (एसेंशियल ड्रग लिस्ट) के आधार पर दवाओं व इंजेक्शन का भी स्टॉक किया जा रहा है। चिंता की बात यह है प्रदेशभर में कोविड के केस भी बढ़ने लगे हैं बावजूद इसके जिलों को एडीएल डिमांड डिटेल अभी तक नहीं भेजी है। इसके चलते अभी तक दवाओं का का आवंटन नहीं हो पाया है, जबकि इसका आवंटन अनुमानित डिमांड के आधार पर किया जाना है। ऐेसे में इसके देरी का खामियाजा मरीजों को भुगतना पडेÞगा।
गौरतलब है कि सेकंड वेव के दौरान बेड,वेंटीलेटर के साथ आवश्यक दवाओं व इंजेक्शन की किल्लत मरीजों को झेलनी पड़ी थी। इसमें रेमडेसिविर और एम्फोटेरेसिन बी शार्टेज प्रदेशभर में सुर्खियों में रही। इस बार स्वास्थ्य विभाग द्वारा ने इससे निपटने के कमर कसते हुए आवश्यक दवाओं का स्टॉक किया जा रहा है। हेल्थ कारपोरेशन के एमडी जे. विजय कुमार ने बताया कि सभी जिलों से ईडीएल डिमांड डिटेल मांगी गई है।
हेल्थ कॉर्पोरेशन से मिली जानकारी के मुताबिक केंद्र सरकार से 86 करोड़ 17 लाख की मेडिकल सामग्री प्रदेश को मिल चुकी है। इसमें मॉस्क,पीपीई किट,इंजेक्शन टैबलेट आॅक्सीजन सिलेंडर, आॅक्सीजन कन्सटेÑटर सहित 53 मेडिकल आइटम शमिल हैं।
क्रिटिकल मरीजों के मामले में रेमडेसिविर इंजेक्शन की तरह ही टोस्लीमुजाब इंजेक्शन इस बार मरीजों को फ्री में दिया जाएगा। आपको बता दें कि सेकंड वेव में मरीजों को इसके चार्ज चुकाने पड़े थे।