नई दिल्ली
कोरोना के डेल्टा स्वरूप से यूरोप में संक्रमण के मामले बढ़ने और ओमीक्रोन स्वरूप को लेकर चिंताओं के बीच दुनिया के कई देशों की सरकारें अलग-अलग तरह की पाबंदियां लगाने, टीकाकरण अभियान को गति देने में जुट गई हैं। यूनान में टीका लेने से मना करने वाले 60 साल से अधिक के लोगों को अपनी पेंशन के एक तिहाई भाग से अधिक राशि जुर्माने के रूप में भुगतान करना पड़ सकता है। कोरोना वायरस के नए स्वरूप ओमीक्रोन के कारण इजरायल में वायरस के संभावित वाहक पर जासूसी एजेंसी द्वारा नजर रखी जा सकती है।
वहीं, नीदरलैंड में पाबंदियों को लेकर हिंसा की घटनाएं भी हो रही हैं। ब्रिटेन ने दो दिन पहले दुकानों और सार्वजनिक परिवहन में लोगों के लिए मास्क पहनने को जरूरी बना दिया। अब विदेश से आने वाले सभी लोगों को कोविड-19 की जांच करानी होगी और पृथक-वास में रहना होगा। नॉटिंघम, इंग्लैंड में क्रिसमस मार्केट में एक स्टॉल चलाने वालीं बेलिंडा स्टोरी ने कहा कि लोग सामान्य हालात चाहते हैं। वे अपने परिवारों से मिलना चाहते हैं और लोगों से मिलना चाहते हैं। निश्चित तौर पर सुरक्षा के उपाय करना भी जरूरी है।
यूनान में वरिष्ठ नागरिकों के कोविड-19 रोधी टीका नहीं लेने पर उन्हें 113 डॉलर तक जुर्माना देना पड़ सकता है। सरकार के तमाम प्रयासों के बावजूद यूनान में 60 साल से अधिक उम्र के करीब 17 प्रतिशत लोगों ने अब भी टीके की खुराक नहीं ली है। देश में कोविड-19 से होने वाली 10 मौतों में से नौ लोग 60 साल से अधिक उम्र के होते हैं। इजरायल में सरकार ने इस सप्ताह ओमीक्रोन स्वरूप से संक्रमित लोगों के संपर्क का पता लगाने के लिए फोन के जरिए निगरानी करने वाली प्रौद्योगिकी के इस्तेमाल की अनुमति दे दी।
इजरायल के मानवाधिकार समूहों का कहना है कि तकनीक का इस्तेमाल निजता के उल्लंघन का अधिकार हैं। जबकि शीर्ष अदालत ने इस साल इस तकनीक के सीमित इस्तेमाल का आदेश दिया था। इजरायल के न्याय मंत्री गिडेओन सार ने लोक प्रसारक कान से कहा था कि हमें इस उपकरण का उपयोग चरम स्थितियों में करने की आवश्यकता है और मुझे विश्वास नहीं है कि हम उस तरह की स्थिति में हैं।
दक्षिण अफ्रीका में पूर्व में कर्फ्यू और शराब की बिक्री पर प्रतिबंध लगाए गए थे। इस बार, राष्ट्रपति सिरिल रामाफोसा अधिक से अधिक लोगों से टीके लगवाने का आह्वान कर रहे हैं। उधर, अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडन ने कहा है कि उनका देश कोविड-19 और नए स्वरूप के खिलाफ कदम उठाना जारी रखेगा। पाबंदी और लॉकडाउन तो नहीं लगाए जाएंगे लेकिन टीकाकरण, बूस्टर खुराक लेने, जांच बढ़ाने आदि कदमों पर जोर दिया जाएगा।
बाइडन ने कहा है कि अगर लोग टीका लेते हैं और मास्क पहनते रहेंगे तो लॉकडाउन की कोई आवश्यकता नहीं है। चीन भी ओमीक्रोन स्वरूप के कारण नयी पाबंदी लगाने की जरूरत नहीं महसूस कर रहा। चीन के रोग नियंत्रण केंद्र की महामारी विज्ञान इकाई के प्रमुख वू जूनयू ने कहा कि हमारा लोक स्वास्थ्य तंत्र इससे प्रभावी तरीके से निपटने में सक्षम है।