Sunday, April 2

अशोक गहलोत की केंद्र से अपील, ईंधन पर हम नहीं आप और कम करें वैट

अशोक गहलोत की केंद्र से अपील, ईंधन पर हम नहीं आप और कम करें वैट


जयपुर
दिवाली से पहले केंद्र सरकार ने ईंधन के दामों पर जनता को राहत देते हुए पेट्रोल और डीजल के दामों पर वैट कम किया। साथ ही सभी राज्य सरकारों से भी वैट कम करने की अपील की थी। कई भाजपा शासित राज्यों ने ऐसा कर दिया, लेकिन कई राज्य सरकारें ऐसा करने से कतरा रही हैं। इसी में राजस्थान राज्य भी है। सीएम अशोक गहलोत का कहना है कि राज्य सरकार पेट्रोल और डीजल के दामों पर वैट कम नहीं करेगी, हां केंद्र सरकार को वैट और कम जरूर करना चाहिए। दो दिन पहले भी बयान जारी कर सीएम अशोक गहलोत ने यही बात कही थी। गहलोत ने फिर बयान जारी कर कहा कि मेरा सुझाव है कि पेट्रोल, डीजल और गैस से एडिशनल एक्साइज ड्यूटी, स्पेशल एक्साइज ड्यूटी और सेस के रूप में जो राजस्व केंद्र सरकार इकट्ठा कर रही है, उस पर राज्य सरकारें वैट लगाती हैं। महंगाई को देखते हुए केंद्र सरकार को इसमें और अधिक कमी करनी चाहिए। इससे राज्यों का वैट अपने आप ही कम हो जाएगा। गहलोत ने कहा कि हम केन्द्र सरकार से लगातार पेट्रोल, डीजल की कीमतों पर नियंत्रण और कमी करने का आग्रह करते रहे हैं। अभी 4 नवंबर को केंद्र सरकार की एक्साइज ड्यूटी को कम करने के निर्णय से राज्य का वैट भी अपने आप पेट्रोल पर 1.8 रुपए प्रति लीटर और डीजल पर 2.6 रुपए प्रति लीटर कम हो गया। इस कमी से राज्य को वैट राजस्व में 1800 करोड़ रुपए का सालाना नुकसान हुआ है।

गहलोत ने कहा कि इस साल बजट के वक्त राज्य सरकार ने डीजल पेट्रोल पर 2 प्रतिशत वैट कम किया था, जिसके कारण 1000 करोड़ का राजस्व नुकसान हो चुका है। अब 1800 करोड़ का और नुकसान होगा। इस तरह राजस्थान को 2800 करोड़ का राजस्व कम मिलेगा। गहलोत ने कहा कि केंद्र सरकार से आग्रह है कि वह तेल कंपनियों को आगे कीमतें नहीं बढ़ाने के लिए पाबंद करें। ताकि पेट्रोल-डीजल के दामों में रोज-रोज होने वाली बढ़ोतरी रुके। पाबंद नहीं किया तो पहले की तरह दीपावली के बाद और 5 राज्यों के चुनाव के बाद कुछ ही दिनों में ऑयल कम्पनियां कीमत बढ़ा कर केंद्र-राज्य सरकार की ओर से दी गई राहत का लाभ जीरो कर देंगी।

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