भोपाल
नगर निगम उद्यान शाखा के अफसर शहर के गार्डन नहीं संभाल पा रहे हैं। इसका जीता जागता प्रमाण शहर के बीचों बीच बना कमला पार्क है। यहां आने वाले सैलानियों के लिए आकर्षण का केंद्र होने के बावजूद रखरखाव नहीं हो रहा है। देखरेख और चौकीदारों की कमी के कारण पार्क बदहाल हो रहे हैं। हालांकि यह स्थिति अधिकांश सभी पार्कों की है। शहर में निगम के करीब 250 पार्क हैं। कमला पार्क का 3 साल पहले ही सौंदर्यीकरण पर 6 लाख रूपए खर्च किये गए थे। वर्तमान में पार्क की स्थिति काफी खराब है। चूंकि बड़े तालाब के सामने पार्क है। इस कारण पार्क में बड़ी संख्या में सैलानी आते हैं, लेकिन टूटे वेपर लेम्प, डिजाइनर रंगीन जालियों में लगाए गए कांच टूटे चुके हैं। पार्क के अंदर लग रहे कचरे के ढेर बताते हैं कि गार्डन के मेंटेनेंस को लेकर लापरवाही बरती जा रही है। कमला पार्क शाम होते ही शराबियों का अड्डा बन जाता है। इस कारण यहां पर शाम अंधेरा होते ही फैमली नहीं आती। आसामजिक तत्वों ने पार्क में लगे वेपर लेम्प तोड़ दिये हैं। इस कारण पार्क के अधिकांश जगहों पर अंधेरा छाया रहता है। इस बारे में कई लोग शिकायत कर चुके हैं, लेकिन समस्या का समधान नहीं किया जा रहा।
चौकीदार होने के बावजूद नहीं हो रही पहरेदारी
निगम के गार्डन सेक्शन में कर्मचारियों की अच्छी खासी लंबी फौज हैं। इसके बावजूद पार्क की सुरक्षा के लिए यहां पर एक भी कर्मचारी तैनात नहीं है। इसका फायदा आसामाजिक तत्व उठ रहे हैं। यहां पर शाम होते ही शराबखारी होने लगती है। इस वजह से फैमली यहां आने से कतराती है।