भोपाल
मध्य प्रदेश में कौन सी सड़क कब स्वीकृत हुई, कब निर्माण कार्य पूरा होना है, किसने बनाई और परफार्मेंस गारंटी कब तक की है, यह पता करने के लिए मंत्री से लेकर कार्यपालन यंत्री को अब फाइल देखने की जरूरत नहीं है। एक क्लिक पर सड़क और पुलों से संबंधित पूरी जानकारी कंप्यूटर व मोबाइल पर मिल जाएगी। इतना ही नहीं बारिश में खराब हुई सड़कों पर चल रहे रखरखाव के कार्यों की निगरानी भी अब भोपाल से ही हो रही है।
इसके लिए लोक निर्माण विभाग ने वर्क मानीटरिंग एंड मैनेजमेंट सिस्टम साफ्टवेयर तैयार किया है। इसमें कार्यपालन यंत्रियों द्वारा प्रतिदिन जानकारी दर्ज की जाती है। यह नवाचार दूसरे राज्यों को भी पसंद आ रहा है। बिहार के अधिकारियों ने मध्य प्रदेश जैसी व्यवस्था लागू करने के लिए यह साफ्टवेयर मांगा है। पंजाब के अधिकारी भी इसे देख चुके हैं।
लोक निर्माण विभाग को बैठकों के लिए जानकारियां जुटाने में काफी परेशानी आती थी। जिलों से सड़कों के बारे में जानकारी बुलाने में समय भी लगता था। इस समस्या से निपटने के लिए प्रमुख अभियंता कार्यालय ने अपने इंजीनियरों से ही साफ्टवेयर तैयार कराया है। इसमें सड़क और पुलों से जुड़े सभी कामों का न सिर्फ ब्योरा दर्ज है बल्कि निगरानी का तंत्र भी मौजूद है।
प्रदेश में बारिश से 2996.33 किलोमीटर सड़क में गड्ढे हो गए। इन पर पेच रिपेयर का काम चल रहा है। 31 दिसंबर की अंतिम समय सीमा तय की गई और सभी कार्यपालन अधिकारियों के लक्ष्य निर्धारित किए गए हैं। इसकी निगरानी साफ्टवेयर के माध्यम से की जाती है। लक्ष्य के मुताबिक काम नहीं होने पर साफ्टवेयर से संबंधित कार्यपालन यंत्री को सड़कवार एसएमएस चला जाता है। वहीं, अधीक्षण यंत्री, मुख्य अभियंता, प्रमुख अभियंता और प्रमुख सचिव को भी पता होता है कि कार्यों की मैदानी स्थिति क्या है।
पंजाब के अधिकारी भी देख चुके साफ्टवेयर
प्रमुख अभियंता अखिलेश अग्रवाल ने बताया कि पेच रिपेयर सहित सड़क की स्वीकृति, निर्माण आदि की जानकारी साफ्टवेयर की मदद से मिल रही है। जिले, संभाग और प्रदेशभर की यह जानकारी एक क्लिक पर उपलब्ध है। इसके लिए मुख्य अभियंता और कार्यपालन यंत्रियों को लागिन, पासवर्ड दिए गए हैं।
वे साफ्टवेयर में जानकारी भरते हैं। इससे कार्य की मौजूदा स्थिति की जानकारी तुरंत पता चल जाती है। यह जानकारी प्रतिदिन अपडेट होती है। यह व्यवस्था दूसरे राज्यों को भी पसंद आ रही है। बिहार के अधिकारियों ने यह व्यवस्था अपने यहां लागू करने के लिए साफ्टवेयर देने की मांग की है। पंजाब के अधिकारी भी इसे देख चुके हैं।
सुविधा का विस्तार करेंगे
लोक निर्माण विभाग के प्रमुख सचिव नीरज मंडलोई ने बताया कि साफ्टवेयर के माध्यम से निगरानी की व्यवस्था बनाई गई है। इससे काफी मदद मिल रही है। इस सुविधा का विस्तार किया जाएगा।