नई दिल्ली
लोकसभा और विधानसभा सीटों पर हुए उपचुनाव के नतीजे घोषित हो गए हैं। हालांकि, ये नतीजे बीजेपी के लिए ज्यादा उत्साहित करने वाले नहीं रहे। बंगाल में टीएमसी से दोबारा हार मिलने के अलावा हिमाचल प्रदेश में भी बीजेपी को सारी सीटें गंवानी पड़ी हैं। यह हार पार्टी के लिए इसलिए भी निराशाजनक है क्योंकि हिमाचल प्रदेश बीजेपी चीफ जगत प्रकाश नड्डा का गृह राज्य है और यहां बीजेपी की ही सरकार भी है। इसके बावजूद पार्टी को मंडी लोकसभा सीट और तीन विधानसभा सीटों पर कांग्रेस ने बीजेपी को हरा दिया है।
मंडी लोकसभा सीट कांग्रेस के खाते में
मंडी लोकसभा सीट पर कांग्रेस की उम्मीदवार और पूर्व सीएम वीरभद्र सिंह की पत्नी प्रतिभा सिंह ने बीजेपी को हराया। प्रतिभा सिंह ने बीजेपी के अपने प्रतिद्वंद्वी कुशाल ठाकुर को 8 हजार 766 वोटों के अंतर से हराया है। हालांकि, यह सीट बीजेपी के लिए ज्यादा मायने इसलिए रखती है क्योंकि मौजूदी सीएम जयराम ठाकुर इसी क्षेत्र से आते हैं। उनका चुनावी क्षेत्र सिराज भी मंडी जिले के अंदर ही आता है।
विधानसभा सीटों पर भी खराब प्रदर्शन
सिर्फ संसदीय सीट ही नहीं बल्कि विधानसभा की तीन सीटों पर उपचुनाव में भी बीजेपी अपनी छाप छोड़ने में नाकामयाब दिखी। अरकी विधानसभा सीट पर कांग्रेस उम्मीदवार संजय अवस्थी ने बीजेपी के प्रत्याशी रतन सिंह पाल को 3 हजार वोटों के अंतर से हराया। इसके अलावा फतेहपुर सीट पर कांग्रेस प्रत्याशी को 5 हजार 634 वोटों के अंतर से जीत मिली। यहां अहम बात यह भी रही कि निर्दलीय उम्मीदवार को भी 12 हजार वोट मिले। बीजेपी के लिए सबसे बड़ी चिंता के संकेत जुब्बल-कोथकाई क्षेत्र से मिले जहां उसके प्रत्याशी को सिर्फ 2 हजार 644 वोट मिले और जमानत तक जब्त हो गई। इस सीट पर कांग्रेस प्रत्याशी रोहित ठाकुर ने निर्दलीय उम्मीदवार चेतन ब्राग्टा को 6 हजार 293 वोटों से हरा दिया। इस सीट पर बीजेपी का वोट शेयर सिर्फ 4.67 प्रतिशत रहा।
कांग्रेस के लिए खुशखबरी?
राज्य के उपचुनाव कांग्रेस के लिए इसलिए भी खुशखबरी लाए हैं क्योंकि यहां पार्टी का वोट प्रतिशत बढ़ता हुआ दिख रहा है। साल 2019 में धर्मशाला सीट पर हुए उपचुनाव में बीजेपी प्रत्याशी को ही जीत मिली थी लेकिन अब हुए चार सीटों पर उपचुनाव में कांग्रेस को तीन विधानसभा सीटों पर बीजेपी से 20 फीसदी ज्यादा वोट मिले हैं। तीन विधानसभा सीटों पर जहां कांग्रेस प्रत्याशियों को 48.9 फीसदी वोटशेयर मिला तो वहीं बीजेपी के खाते में सिर्फ 28.1 प्रतिशत वोटशेयर ही रहा। हिमाचल प्रदेश के नतीजे बीजेपी के लिए इसलिए भी चिंताजनक हैं क्योंकि सिर्फ पार्टी चीफ जेपी नड्डा ही नहीं बल्कि कैबिनेट मंत्री अनुराग ठाकुर भी हिमाचल से ही आते हैं।