मुजफ्फरपुर
हिंदी गीत कविता के जाने-माने कवि डॉ संजय पंकज का जन्मदिन प्रणव पर्व के रुप मे मनाया गया। प्रजापिता ब्रह्माकुमारी ईश्वरीय विश्वविद्यालय में बिहार गुरु और मिशन भारती ने समारोह का आयोजन किया। समारोह के मुख्य अतिथि रूप में उड़ीसा से पधारे प्रसिद्ध साहित्यकार डॉक्टर अनिल कुमार ने कहा कि मुजफ्फरपुर बिहार की सांस्कृतिक राजधानी है। क्योंकि यह शहर अपने रचनाकार का सम्मान करना जानता है। संजय पंकज राष्ट्रीय फलक पर अपनी साधना के कारण सम्मानित होते हैं और आज अपना आशीर्वाद और स्नेह देने के लिए समाज के हर वर्ग के लोग आए हैं। यही रचनाकार की श्रेष्ठता को सिद्ध करता है। वरिष्ठ राजयोगिनी बीके रानी दीदी ने कहा कि संजय पंकज का कवि होना उनकी ऋषि भूमिका को भी तय करता है लेखिका डॉ इंदु सिन्हा ने कहा कि यह शुभकामना देने का अवसर है। संजय पंकज इसके पात्र हैं और इन्हें जब कभी भी मनुष्यता की रक्षा के लिए बुलाया जाता है ये पूरी ऊर्जा के साथ उपस्थित होते हैं। इनकी कथनी और करनी में कोई भेद नहीं है। दार्शनिक साहित्यकार डॉक्टर रिपुसूदन श्रीवास्तव ने कहा कि संजय पंकज मुजफ्फरपुर के सांस्कृतिक दूत बनकर पूरे देश में जाते हैं यह हम सब के लिए गौरव की बात है। डॉक्टर देवव्रत अकेला ने कहा कि बहुत ही सहज व्यक्तित्व के समृद्ध रचनाकार हैं संजय पंकज। बिहार सरकार के पूर्व मंत्री सुरेश शर्मा ने कहा के साहित्य समाज को दिशा देता है और संजय पंकज मुजफ्फरपुर में साहित्य संस्कृति का अलख जगाए रहते हैं, हम सब प्रेरित होते हैं।
समारोह के अध्यक्षीय संबोधन में जाने माने साहित्यकार डॉ महेंद्र मधुकर ने कहा कि संजय पंकज का चैतन्य बोध जागृत है और वह साहित्य की विभिन्न विधाओं में पूरी संवेदनशीलता के साथ प्रकट होता है। अंत में सभी लोगों का आभार प्रकट करते हुए संजय पंकज ने कहा कि मैं आपके आशीर्वाद से ताकत प्राप्त करता हूं। किसी कवि को समाज इतना प्यार करता है तो यह तय मानिए कि उस पर जिम्मेदारियों का बोझ भी आता है। डॉ पुष्पा प्रसाद के मंगल गीत बधावा के उपरांत शुभकामना देने वालों में डॉ शारदाचरण, विमल कुमार परिमल, डॉ एच एन भारद्वाज, डॉ रामजी प्रसाद, डॉ बी एल सिंघानिया, उदय नारायण सिंह, डॉ ब्रजभूषण मिश्र, गोपाल फलक, संजीव साहू, ललन तिवारी, डॉक्टर पूनम सिंह डॉ भावना, डॉ रमेश ऋतंभर, पर्यावरणविद सुरेश गुप्ता, डॉ नवीन कुमार, भाजपा जिलाध्यक्ष रंजन कुमार, समाजसेवी एचएल गुप्ता, डीके कंचन बहन, वंदना कुमारी, गार्गी श्रीवास्तव, त्रिलोकी प्रसाद वर्मा, रामनाथ प्रसाद सिंह, प्रेमभूषण, कुंदन कुमार, संजीत किशोर, डॉ केशव किशोर, डॉ कुमारी अनु, डॉ रामेश्वर द्विवेदी, अविनाश तिरंगा, कुमार राहुल, अनुराग आनंद, चैतन्य चेतन, राकेश कुमार, प्रणय कुमार, भोजपुरी फिल्म अभिनेता सोनू पांडे, संस्कृतिकर्मी सोनू सिंह, डॉ रंजीत पटेल, नंद कुमार पंखुरी सिन्हा आदि सैकड़ों लोग जिसमें समाजसेवी, व्यवसायी, चिकित्सक, प्राध्यापक, संस्कृति कर्मी, साहित्यकार और समाज के हर तबके के लोग थे। विषय प्रस्तावना और मंच संचालन कवि डॉ विजय शंकर मिश्र ने किया।