Friday, December 13

छत्तीसगढ़ सहकारी समिति कर्मचारी महासंघ ने राजधानी में निकाली रैली,जताया विरोध

छत्तीसगढ़ सहकारी समिति कर्मचारी महासंघ ने राजधानी में निकाली रैली,जताया विरोध


रायपुर। छत्तीसगढ़ सहकारी समिति कर्मचारी महासंघ ने अपनी पांच सूत्रीय मांगों को लेकर राजधानी के बूढ़ापारा धरना स्थल पर जोरदार प्रदर्शन किया। इस मौके पर प्रदेश भर से आए पदाधिकारियों ने अपनी मांग को लेकर  रैली भी निकाली। रैली आगे न बढ़ पाए इसलिए श्याम टाकीज तिराहा व सप्रे स्कूल चौक के पास पुलिस ने बेरिकेट्स लगाकर पूरी तरह से घेरेबंदी कर रखी थी। जिससे प्रदर्शनकारी आगे ही नहीं बढ़ पाये। हालांकि वे लगातार नारेबाजी कर रहे थे। उच्च अधिकारियों ने वहीं पर ज्ञापन लेकर आशवस्त किया।

प्रदर्शनकारियों की प्रमुख मांग रही है-जिला सहकारी केंद्रीय बैंक के खाली पदों पर सहकारी समितियों के कार्यरत कर्मचारियों को शत-प्रतिशत सहयोग करते हुए उम्रबंधन व योग्यता में शिथिलता देते हुए बैंकों में प्लेसमेंट भर्ती पर रोक लगाई जाए। धान परिवहन देरी से होने के कारण धान में आ रही सुखत व अतिरिक्त खर्चों की राशि समितियों को देते हुए प्रासंगिक और सुरक्षा व्यय में वृद्धि की जाए। वेतन अनुदान देते हुए शासकीय कर्मचारियों की भांति नियमित कर वेतनमान दिया जाए।
सेवा नियम 2018 में संघ के मांग अनुसार आंशिक संशोधन तत्काल किया जाए। खरीफ विपणन वर्ष 2021-22 धान खरीदी नीति व परिवहन नीति में संघ के मांग अनुसार करते हुए नीति निर्धारण में संघ के प्रतिनिधि मंडल को शामिल किया जाए।

संघ के प्रांताध्यक्ष संतोष कुमार साहू, प्रांतीय संयोजक विद्याशंकर यादव ने बताया कि समर्थन मूल्य धान उपार्जन केंद्रों में पदस्थ कंप्यूटर आपरेटरों की कार्यावधि वर्तमान संविदा वेतनमान दर पर नौ माह से 12 माह किया जाए। संघ का कहना है कि कंप्यूटर आपरेटर धान खरीदी के अलावा वर्ष भर समिति के सभी कार्यों और शासन की विभिन्न योजनाओं का कार्य भी करते हैं। जैसे पंजीयक माड्यूल में नकद, खाद, बीज, दवाई की आनलाइन प्रविष्टि, राजीव गांधी किसान न्याय पंजीकरण, गोधन न्याय योजना, वर्मी कंपोष्ट बिक्री आनलाइन कार्य, मार्कफेड माड्यूल में खाद की जानकारी, प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना आदि की जानकारी।

इसके अलावा समर्थन मूल्य धान उपार्जन केंद्रों में कार्यरत कंप्यूटर आपरेटरों को वित्त विभाग द्वारा जारी दो अगस्त 2019 के अनुसार लंबित संविदा वेतन 18,420 रुपये दिया जाए। पुनर्गठन के बाद समितियों के कर्मचारियों की पंजीयक सहकारी संस्थाएं छत्तीसगढ़ द्वारा ली जा रही जानकारी में डाटा एंट्री आपरेटरों को शामिल किया जाए जैसे कई मांगों को प्रदर्शन किया।

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