भोपाल
मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने गांधीवादी पद्मडॉ. एस.एन. सुब्बाराव के निधन पर श्रद्धांजलि अर्पित की। मुख्यमंत्री चौहान ने निवास पर मीडिया को दिए संदेश में कहा कि श्रद्धेय भाईजी नहीं रहे। उन्होंने अपना पूरा जीवन समाज-सेवा में समर्पित कर दिया। उन्होंने देश की आजादी की लड़ाई लड़ी। वे महात्मा गांधी के सच्चे अनुयायी थे। कमजोर बहनों और भाइयों की सेवा में अंतिम साँस तक लगे रहे। विशेषकर जनजातीय भाई-बहनों की सेवा में उन्होंने कोई कसर नहीं छोड़ी। डकैतों के आंतक से गूँजते चंबल क्षेत्र में श्रद्धेय सुब्बाराव भाई जी ने 14 अप्रैल 1972 को 654 डकैतों को गांधी जी के चित्र के सामने हथियार डालकर आत्म-समर्पण करने के लिए प्रेरित किया था। स्वर्गीय जयप्रकाश नारायण तथा सुप्रभा देवी भी उस अवसर पर मौजूद थी। आतंक के पर्याय डकैतों को हिंसा से अहिंसा के रास्ते पर लाकर हथियार डलवा देना अपने आप में डॉ. सुब्बाराव के प्रभाव और व्यक्तित्व की कहानी कहता है।
मुख्यमंत्री चौहान ने कहा कि डॉ. सुब्बाराव नि:स्वार्थ भाव से काम करते थे और जहाँ जाते थे, अपनी अलग छाप छोड़ते थे। नौजवानों में देशभक्ति का भाव भरने के लिए उन्होंने आजीवन प्रयास किया। मुख्यमंत्री चौहान ने स्मरण किया कि जब हमने नर्मदा सेवा यात्रा निकाली, उस यात्रा में भी श्रद्धेय भाई जी सम्मिलित हुए थे। मुख्यमंत्री चौहान ने कहा कि उनका अंतिम संस्कार जौरा में पूरे राजकीय सम्मान के साथ किया जाएगा। ऐसे समाजसेवी और लोगों की सेवा करने वाले भाईजी के चरणों में मैं श्रद्धा सुमन अर्पित करता हूँ।
मुख्यमंत्री चौहान ने कहा कि स्वास्थ्य ठीक नहीं होने के कारण मैं अंत्येष्टि में नहीं जा पा रहा हूँ। उनके विचारों और कार्यों को आगे बढ़ाने में मध्यप्रदेश सरकार सदैव प्रयत्न करती रहेगी। मुख्यमंत्री चौहान ने दिवंगत आत्मा की शांति के लिए ईश्वर से प्रार्थना की है।