भोपाल
हमीदिया अस्पताल के भीतर अब भी अफरा-तफरी का माहौल है। कमला नेहरू अस्पताल के बच्चा वार्ड में लगी आग को खबर लिखे जाने तक 17 घंटे बीत चुके हैं, लेकिन माता-पिता को अब भी यह स्पष्ट जानकारी का इंतजार है कि उनका बच्चा किस हालत में है। मंत्री विश्वास सारंग और कमिश्नर गुलशन बामरा ने कहा है कि शेष जीवित बचे 36 बच्चों का इलाज किया जा रहा है। इस बीच जानकारी के मुताबिक करीब सात बच्चों को पोस्ट मार्टम के लिए मर्चुरी में लाया गया है, जबकि प्रशासन ने अभी तक सिर्फ चार बच्चों की मौत की पुष्टि की है।
चिकित्सा शिक्षा मंत्री विश्वास सारंग का भी कहना है कि चार बच्चों की मौत हुई है, बाकी सब ठीक हैं। दूसरी ओर सुबह 11 बजे मंत्री विश्वास सारंग को लोगों ने घेर लिया। मंत्री ने उन्हें समझाते हुए कहा कि 4 बच्चों की ही मौत हुई है, बाकी बच्चों का बेहतर इलाज किया जा रहा है। परिजन को 4-4 के ग्रुप में बच्चों के पास ले जाया जाएगा। हादसे के दोषियों पर सख्त कार्रवाई करेंगे। इसके बाद लोग शांत हुए। इससे पहले अपर मुख्य सचिव स्वास्थ्य मोहम्मद सुलेमान ने मंगलवार सुबह हमीदिया अस्पताल पहुंचे। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने हादसे की जांच की जिम्मेदारी सुलेमान को दी है। वे 20 मिनट तक ही यहां रहे। उनके साथ गांधी मेडिकल कॉलेज के डीन भी थे।
उधर, परिजन का दावा है कि 4 बच्चों की मौत की जानकारी सरकार की ओर से दी गई है, लेकिन आंकड़े इससे ज्यादा हैं। उनका कहना है कि रात ढाई बजे से मंगलवार सुबह तक अस्पताल मैनेजमेंट ने कई परिजन को उनके बच्चों की मौत की खबर दी है। ऐसे में आंकड़ा बढ़ सकता है।
मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा है कि कमला नेहरु अग्नि दुर्घटना हादसे के दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्यवाही की जाएगी। इस पूरे मामले की उच्च स्तरीय जांच की जाएगी और सभी अस्पतालों का सेफटी आॅडिट भी कराया जाएगा। कैबिनेट बैठक से पहले मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि कमला नेहरु अस्पताल में जो घटना हुई है वह काफी हदृय विदारक है। इस मामले में स्वास्थ्य विभाग के अपर मुख्य सचिव मोहम्मद सुलेमान को उच्च स्तरीय जांच के निर्देश दिए गए है। घटना के दोषियों के खिलाफ कड़ी से कड़ी कार्यवाही की जाएगी। इसके अलावा प्रदेश के अन्य अस्पतालो ंमें आगे ऐसी दुर्घटना न हो इसके लिए सभी अस्पतालों का सेफ्टी आॅडिट कराया जाएगा।
कमला नेहरू बिल्डिंग के बाहर सुबह से भारी पुलिस बल तैनात कर दिया गया है। जहां बच्चों के परिजनों और पुलिसकर्मियों के बीच अंदर जाने को लेकर जमकर बहस होती रही। इतना ही नहीं अस्पताल प्रबंधन ने महिला सुरक्षाकर्मियों को भी तैनात किया है। जिससे हंगामा करने पर महिलाओं को रोका जा सके।
बच्चों की मौत के बाद अब उनकी पहचान का संकट खड़ा हो गया है। अधिकांश परिजनों ने अपने बच्चों को देखा तक नहीं है, और उनकी पहचान टैग पर्ची से होती है। चंूकि कई बच्चों के टैक काले पड़ गए तो कुछ जल गए हैं। इसलिए उनकी पहचान को लेकर अब विवाद की स्थिति बन गई है। अस्पताल प्रबंधन भी कुछ बोलने से बच रहा है।
कमला नेहरु अस्पताल में लगी आग में मासूम बच्चों की मौत के बाद मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने निवास पर आज होंने वाला सामूहिक दोपहर भोज कार्यक्रम स्थगित कर दिया है। इसके अलावा भी शहर में कई कार्यक्रम इस दुर्घटना के चलते स्थगित किए गए है। कोरोना महामारी के बीच के कारण बेपटरी हुई अर्थव्यवस्था अब धीरे-धीरे पटरी पर वापस आने लगी है। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने अपने निवास पर मंगलवार को मीडियाकर्मियों के लिए सामूहिक भोज का आयोजन किया था। लेकिन अस्पताल के अग्निकांड के चलते यह कार्यक्रम स्थगित कर दिया गया है। इसी तरह शहर में होनें वाले कुछ और कार्यक्रम स्थगित कर दिए गए है।