भोपाल
दिवाली के अगले दिन गोवर्धन पूजा होती है। इस दिन गोवर्धन पर्वत के साथ पशुधन की पूजा की जाती है। ब्रज के इलाके में गोवर्धन पूजा बड़ी धूमधाम से होती है। एमपी के ग्वालियर-चंबल अंचल के कुछ हिस्से ब्रज से लगते हैं। इसलिए इन इलाकों में भी पूजा बड़ी धूमधाम से होती है। गोवर्धन पूजा से पहले लोग अपने पशुधन को स्नान करवाते हैं। इसके बाद उनका श्रृंगार करते हैं।
गाय-बैल को सजाने के बाद उनकी पूजा की जाती है। साथ ही उन्हें अच्छा खाना देते हैं। इस दिन भगवान कृष्ण की पूजा भी की जाती है। उन्हें अन्न कूट का भोग लगाया जाता है। ग्वालियर के कई जगहों पर यह पर्व बड़े ही धूमधाम से मनाया जाता है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार यह पर्व कार्तिक के हिंदू चंद्र महीने के पहले दिन मनाई जाती है। इस बार गोवर्धन पूजा पांच नवंबर को है।
वहीं, हिंदू पंचांग के अनुसार गोवर्धन पूजा का इस साल शुभ मुहूर्त 5 : 28 AM से 07 : 55 AM तक है। अगर इस समय पूजा करने से चूक गए हैं तो फिर शाम में सर्वश्रेष्ठ समय है। शाम में पूजा का मुहूर्त 5 : 16 PM से 5 :43 PM है। पूजा के लिए गांव में लोग गोबर से गोवर्धन पर्वत बनाते हैं। उसकी परिक्रमा करते और उसके बाद पूजा करते हैं। गोवर्धन पूजा को लेकर मान्यता है कि इससे पर्यावरण स्वच्छ रहता है। हिंदू धर्म में गाय को देवी लक्ष्मी का स्वरूप माना जाता है।
वहीं, कुछ पंचांगों में सुबह का शुभ मुहूर्त सुबह 6 : 36 AM से 08 : 47 AM तक है। शाम में शुभ मुहूर्त 03: 22 PM से 05 : 33 PM तक है। हालांकि आप पूजा से पहले अपने इलाके के पुजारी और पंडित जी से मुहूर्त के जानकारी ले लें। क्षेत्र के हिसाब से मुहूर्त के समय बदलते रहते हैं।