पटना
सहकारिता विभाग राज्य के सभी 8,463 पैक्स में वित्तीय अनुशासन और प्रशासनिक व्यवस्था में सुधार के लिए छत्तीसगढ़ के मॉडल पर पैक्स कार्मिक नियमावली तैयार कर रहा है. नियमावली के लागू होने के बाद पैक्स अध्यक्ष अपने पैक्स प्रबंधक, सेल्समैन आदि कर्मियों की बहाली -बर्खास्तगी में मनमर्जी नहीं कर पायेंगे. प्रस्तावित नियमावली के लागू होने का सबसे बड़ा बदलाव यह होगा कि राज्यभर में नवनिर्वाचित पैक्स अध्यक्षों द्वारा चुनाव के तुरंत बाद पुराने पैक्स कर्मियों को हटाने और नये को बहाल करने का सिलसिला थम जायेगा.
राज्य की प्राथमिक कृषि ऋण सोसाइटी (पैक्स) में कर्मचारियों की संख्या- मानदेय, बहाली- बर्खास्तगी आदि को लेकर अभी तक कोई नियम नहीं बना है. सरकार की एक गाइडलाइन है कि कोई भी पैक्स अपने लाभ का करीब 33 फीसदी बजट स्थापना पर खर्च कर सकता है. यही कारण है कि 8,463 पैक्स में कर्मचारियों की संख्या, मानदेय और उनके काम करने के तरीकों में एकरूपता नहीं है. पैक्स प्रबंधक आदि कर्मियों की बहाली में पूरा दखल पैक्स अध्यक्ष का है. उनका जब मन आता है पुराने कर्मचारियों को हटा कर नयी बहाली कर लेते हैं. पैक्स प्रबंधक अपनी नौकरी बनाये रखने के लिए पैक्स अध्यक्ष की कठपुतली बन कर काम करने को विवश हैं. इससे वित्तीय अनुशासन- व्यवस्था भंग रहती है. इन मुद्दों को लेकर 2020 में पैक्स प्रबंधकों ने प्रदर्शन भी किया था.
सहकारिता विभाग के उच्च पदस्थ सूत्रों का कहना है कि कॉमन सर्विस रूल लाकर पैक्स में अपना राज-अपना तरीका की प्रणाली को खत्म किया जा रहा है. छत्तीसगढ़ के मॉडल पर नीति- नियम बनाये जा रहे हैं. पैक्स अध्यक्ष अपने प्रबंधक को अपनी मर्जी से हटा नहीं पायेंगे. नये नियमों में किसी तरह की व्यावहारिक दिक्कत न हो इसके लिए पैक्स अध्यक्षों – पैक्स प्रबंधकों से भी सलाह -मशविरा किया गया है. को-ऑपरेटिव प्रबंध समिति अपनी मर्जी से किसी को नहीं निकाल पायेगी. कर्मचारी को नोटिस देना होगा. जांच होगी. निदेशक बोर्ड मामले को सुनेगा. कार्रवाई होने पर पैक्स कर्मी सहकारिता विभाग के कोर्ट में अपील भी कर सकता है.
छत्तीसगढ़ में पैक्स के नियंत्रण के लिए तीन स्तर पर व्यवस्था है. स्थायी और दैनिक दो तरह के कर्मचारी बहाल होते हैं. पैक्स कर्मचारियों का सेवा नियम तैयार है. शासन के नियम लागू हैं. पैक्स प्रबंधक की बहाली जिला सहकारी बैंक करता है. इसमें जिला स्तर पर बोर्ड बनता है. इसमें बैंक के चैयरमैन के अलावा बैंक के मुख्य कार्यपालक पदाधिकारी, सहकारिता विभाग के डिप्टी रजिस्टार, कृषि विभाग के डिप्टी डायेक्टर तथा नाबार्ड और डीएम के प्रतिनिधि होते हैं. पैक्स के सहायक प्रबंधक आदि की बहाली के लिए निर्वाचित बोर्ड करता है, लेकिन इसमें जिला सहकारिता बैंक की शाखा अध्यक्ष और सहकारिता विभाग के सहकारिता विस्तार अधिकारी भी मौजूद होते हैं. पैक्स प्रबंधक को तीस हजार से अधिक वेतन मिलता है. किसी भी कर्मचारी का न्यूनतम मानदेय करीब दस हजार से अधिक है.