भोपाल
प्रदेश में एक अप्रेल 2022 से समर्थन मूल्य पर खरीदा जाने वाला गेहूं, चना अब खुले में नहीं रखा जा सकेगा। हाईकोर्ट के आदेश के बाद अब उपज के भण्डारण के लिए ओपन कैप व्यवस्था को प्रदेश में बंद किया जा रहा है। इसकी वजह यह है कि कैप में लंबे समय तक खाद्यान्न का सुरक्षित भण्डारण नहीं कराया जा सकता है। इसके बाद अब प्रदेश में कैप के स्थान पर बीओटी सिस्टम से अब कवर्ड गोदाम बनाए जाएंगे।
उच्च न्यायालय द्वारा कैप के स्थान पर कवर्ड गोदामों में सुरक्षित भंडारण के आदेश दिए गए थे। ओपन कैप में रखे जाने वाले खाद्यान्न के व्यापक पैमाने पर खराब होने के लगातार मामले सामने आने पर इस संबंध में याचिका उच्च न्यायालय में दायर की गई थी जिस पर उच्च न्यायालय ने कैप के स्थान पर कवर्ड गोदामों में सुरक्षित भंडारण के निर्देश दिए। साथ ही भारतीय खाद्य निगम भी 1 अप्रैल 2022 से कैप पर भंडारण प्रतिबंधित करने जा रहा है। इसके बाद राज्य शासन ने यह निर्णय लिया है कि जिन 15 जिलों में कैप के जरिये उपज का भंडारण किया जा रहा था वहां अब कवर्ड गोदाम बनाए जाएंगे।
इसके लिए कलेक्टरों को पत्र लिखकर राजस्व विभाग की जमीन खाद्य विभाग के नाम दर्ज करने के आदेश दिए गए हैं। वर्ष 2011 में किसानों की उपज भण्डारण के लिए विभिन्न जिलों में ओपन कैप बनाने का निर्णय लिया गया था। इसके लिए नि:शुल्क भूमि खाद्य विभाग को आवंटित कर अस्थाई रूप से कैप निर्माण के लिए एमपी वेयर हाउसिंग एंड लॉजिस्टिक कापोर्रेशन को हस्तांतरित की गई थी। इन जमीनों पर ओपन कैप का निर्माण कर खाद्यान्न का भंडारण किया जा रहा है जिसमें लगभग 35 लाख मीट्रिक टन खाद्यान्न भंडारित किया जाता है।