भिण्ड
शाहरुख खान की फिल्म 'दिलवाले' का डायलॉग (हम शरीफ क्या हुए, सारी दुनिया ही बदमाश हो गई) हर किसी को याद होगा। कुछ ऐसा ही हाल है पूर्व दस्यु मुन्नी बाई का। डकैत घनसा बाबा के गिरोह की सदस्य और फूलनदेवी के साथ रही पूर्व दस्यु मुन्नीबाई आत्मसमर्पण के बाद शासन से मिली अपनी ही जमीन पाने के लिए सरकारी दफ्तरों की ख़ाक छान रही है। जिसकी बंदूक से कभी लोग थर्राते थे, उसकी जमीन पर आज दबंगों का कब्जा है। आरोप है कि शासन प्रशासन से कोई मदद नहीं मिल रही है।
मुन्नी बाई जब अपने पति बाबू खां के साथ इंदुर्खी गांव में रहती थी तब वहां लड़ाई हुई। इसके बाद उसके पाती बागी बन गए। वह डकैत घनसा बाबा के गिरोह में शामिल हो गए। पुलिस ने उसकी पत्नी को परेशान करना शुरू कर दिया। इसके बाद बाबू खां अपनी पत्नी मुन्नीबाई को भी साथ ले गया। गिरोह में रहते ही उसे बंदूक चलाना सिखाया। पत्नी को गिरोह का सदस्य बना लिया।
उस दौरान कई वारदातों में वह शामिल रही। मुन्नी का काम डकैती के दौरान घरों में घुसकर महिलाओं के जेवर लूटना हुआ करता था। कहा जाता है कि पुरुष डकैत उस वक्त महिलाओं को हाथ नही लगाते थे।
लहार के पास मिली जमीन, दबंगों ने किया कब्जा
1983 में अन्य डकैतों के साथ उसने भी आत्मसमर्पण कर दिया। शासन ने मुख्यधारा से जोड़ने और जीवनयापन के लिए उसे लहार के चिरौली गांव के पास 4 बिस्वा जमीन दी। उसे दस साल के लिए जेल भेजा गया। जेल से निकलने पर माली हालत खराब थी। आय का कोई जरिया नहीं था। एक बेटी थी जिसकी शादी करनी थी। किसी तरह गांव की जमीन बेची और बेटी की शादी की। बुढ़ापा आते-आते बेटी के ससुराल में ही रहकर गुजारा किया।
मुन्नी बाई ने बताया के उसका पति अब लहार विधायक डॉ गोविंद सिंह के यह काम करता है। थोड़ा पैसा जोड़कर चिरौली गांव की जमीन पर घर बनवाना चाहता है। लेकिन तब तक जमीन पर दबंगों ने कब्जा कर लिया।
प्रशासन से न्याय की गुहार
मुन्नी बाई अकेली न्याय पाने के लिए कई बार लहार तहसीलदार से लेकर SDM और भिंड कलेक्टर तक के यहां गुहार लगाने आई, लेकिन कहीं से कोई मदद नहीं मिली। हाल ही में वह भिंड एसपी से भी मिलने पहुंची, लेकिन मुलाकात नहीं हो सकी। इस संबंध में भिंड एसपी का कहना है कि उन्हें इसके बारे में कोई जानकारी नहीं है। भिंड कलेक्टर सतीश कुमार ने भी इस संबंध में जानकारी नहीं होने की बात कही।