भोपाल
वन विहार नेशनल पार्क में हार्ड ग्राउंड प्रजाति के बारहसिंगा को बसाने के प्रयास किए गए थे, जो पूरी तरह सफल नहीं रहे हैं। यहां बारहसिंगा का कुनबा बढ़ने की बजाय घट गया है। 2015 में इन्हें कान्हा टाइगर रिजर्व से पार्क लाया गया था। 2019 में इनका कुनबा बढ़कर 14 का हो गया था। अब इनकी संख्या घटकर 10 रह गई है। चार बारहसिंगा की मौत हुई है। इन्हें पूर्व में बाड़े में रखा जा रहा था। अब पार्क के अंदर इन्हें खुले में छोड़ा है, तब भी कुनबा नहीं बढ़ पाया है। विशेषज्ञों के मुताबिक पार्क के अंदर का वातावरण इन्हें रास नहीं आया है। अब आगे कभी भी वन विहार में इनका कुनबा बढ़ाने के प्रयास नहीं किए जाएंगे। ये संकटग्रस्त बारहसिंगा हैं, जो कान्हा टाइगर रिजर्व में ही प्राकृतिक रूप से मिलते हैं। 2015 में इन्हें वन विहार नेशनल पार्क और सतपुड़ा टाइगर रिजर्व (एसटीआर) होशंगाबाद में शिफ्ट किया गया था। एसटीआर में इनके कुनबे में बढ़ोतरी हुई है। जिसके देखते हुए यहां फरवरी 2022 में और 20 बारहसिंगा शिफ्ट करने की तैयारी की जा रही थी लेकिन अब इसको रोक दिया गया है।
लुप्त होने से बचाने कर रहे रिसर्च
बारहसिंगा की यह प्रजाति के लुप्त होने के संकट से निपटने के लिये वन विभाग ने काफी अध्ययन कराया लेकिन पता नहीं चल पाया कि आखिरकार बारहसिंगा इतनी तेजी से विलुप्ति की स्थिति में क्यों पहुंचे। इन पर संकट देख वन्यप्राणी विभाग ने तय किया कि इन्हें एक से अधिक स्थान पर रखा जाए, ताकि एक स्थान पर रह रहे वन्यप्राणियों पर संकट की स्थिति बनती है तो दूसरे स्थान पर वे सुरक्षित रह सकें। तभी से बारहसिंगा के लिए प्रदेश के जंगलों में दूसरे रहवासी स्थलों की खोज की जा रही थी।