भोपाल। कोरोना की दूसरी लहर में एम्स प्रशासन को जब हेल्थ वर्करों की जरूरत थी तो उन्होंने कोविड इंसेंटिव का लालच देकर करीब 50 दिन की सेवाएं ले लीं और नियम कानून का हवाला देकर कोविड इंसेंटिव के भुगतान पिछले कई महीने से लंबित हैं। ऐसे में सवाल उठता है कि डीन ने किस हैसियत से वित्तीय कमेटी से अनुमति लिए बिना आदेश जारी किया था। जिसके भुगतान में अब आनाकानी की जा रही है। मालूम हो कि राजधानी स्थिति एम्स के 2016 बैच के एमबीबीएस अंतिम वर्ष के 150 से अधिक इंटर्न डॉक्टर्स कोविड इंसेटिव नहीं मिलने के चलते पिछले दो दिन से एम्स परिसर में प्रदर्शन कर रहे हैं। इनकाआरोप है कि उन्हें एम्स प्रशासन द्वारा कोविड इंसेटिव का भुगतान नहीं किया जा रहा। उधर, इस मामले में एम्स प्रशासन का कहना है कि बजट ज्यादा है इसके लिए वित्तीय कमेटी से अनुमति लेना जरूरी है इसके बाद ही भुगतान किया जा सकेगा,अभी बैठक तय नहीं है।
