Thursday, November 30

असम, बंगाल में जनसंख्या संतुलन बिगड़ने से बढ़ा दायरा, BSF के डीजी ने बताए फायदे

असम, बंगाल में जनसंख्या संतुलन बिगड़ने से बढ़ा दायरा, BSF के डीजी ने बताए फायदे


नई दिल्ली

पंजाब, असम और पश्चिम बंगाल जैसे राज्यों में केंद्र सरकार ने बीएसएफ के दायरे को सीमा से 50 किलोमीटर दूर तक बढ़ाया है। इसे लेकर बंगाल और पंजाब सरकार ने ऐतराज भी जताया है। इस बीच बीएसएफ के महानिदेशक पंकज कुमार सिंह ने इसकी वजह बताई है। उन्होंने कहा कि बीएसएफ का दायरा बढ़ाए जाने की बड़ी वजह यह है कि सीमांत इलाकों में बीते कुछ समय में डेमोग्रेफी में बड़ा बदलाव हुआ है। इससे आबादी का संतुलन खराब हुआ है। उन्होंने कहा कि सरकार ने शायद इसीलिए बीएसएफ के दायरे को बढ़ाया है ताकि लोकल पुलिस के समन्वय से घुसपैठियों को पकड़ा जा सके और उन पर नजर रखी जा सके।

इससे पहले मंगलवार को ही लोकसभा में केंद्र सरकार के मंत्री ने कहा था कि ऐसा इसलिए किया गया है ताकि राज्य पुलिस की सहायता से सीमा पार आतंकवाद और अपराध पर लगाम कसी जा सके। बीएसएफ रेजिंग डे के मौके पर मीडिया से बात करते हुए सिंह ने कहा, 'कुछ राज्यों में विरोध प्रदर्शन हुए हैं और कई बार विद्रोह जैसी स्थिति हुई क्योंकि डेमोग्रैफिक पैटर्न चेंज हुआ है। यहां तक कि सीमांत जिलों में वोटिंग पैटर्न भी बदला है।' सिंह ने कहा कि बीएसएफ की ओर से सीमांत इलाकों के सर्वे में यह बात सामने आई है।

उन्होंने कहा कि शायद सरकार ने यह सोचा होगा कि बीएसएफ बॉर्डर को गार्ड करने वाली फोर्स है और यदि उसके दायरे में इजाफा किया जाता है तो फिर इससे राज्य पुलिस के साथ मिलकर घुसपैठियों को पकड़ने में मदद मिलेगी। उन्होंने साफ किया कि इस आदेश के तहत ऐसा कुछ नहीं होने जा रहा है कि बीएसएफ लोकल पुलिस के कामकाज या फिर उनके कार्यक्षेत्र में किसी तरह का दखल देगी। उन्होंने कहा कि अब भी पहले की तरह ही लोकल पुलिस ही एफआईआर दर्ज करेगी, जांच करेगी और आगे की कार्रवाई करेगी। उन्होंने कहा कि बीएसएफ का दायरा बढ़ने से हम पुलिस के साथ मिलकर काम कर सकेंगे।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *