पटना
मुजफ्फरपुर आई हॉस्पिटल में ऑपरेशन में बरती गई लापरवाही के कारण 15 से ज्यादा मरीजों की आंखें निकालनी पड़ी हैं। वहीं कई लोग संक्रमित हैं। अब आईजीआईएमएस में ऐसे मरीजों का इलाज होगा जिनकी आंखें ऑपरेशन के बाद खराब हो गई हैं। मरीजों को भर्ती करने की तैयारी चल रही है। अस्पताल प्रशासन ने इसके लिए 20 बेड वाला एक अलग वार्ड बनाया है। हालांकि अभी मुजफ्फरपुर से मरीज आईजीआईएमएस नहीं पहुंचे हैं लेकिन उनके उपचार की सभी तैयारी पूरी कर ली गई हैं। आंख निकालने को लेकर सिविल सर्जन ने गुरुवार को ब्रह्मपुरा थाने में एफआईआर दर्ज कराई है। उन्होंने चिकित्सीय चूक के कारण मरीजों की आंख की रोशनी चले जाने और आंख निकाले जाने की बात कही है। इसमें अस्पताल ट्रस्ट के सचिव दिलीप जालान व प्रबंधक दीपक कुमार के अलावा ऑपरेशन करने वाले तीन डॉक्टर और 9 चक्षु सहायकों को नामजद आरोपी बनाया गया है।
कई मरीजों के गलत नंबर मिले
आई अस्पताल द्वारा सौंपी गई मरीजों के नंबरों की लिस्ट में कई नंबर गलत मिले हैं। इन नंबरों पर फोन लगाने के बाद पीड़ित मरीज की जगह किसी दूसरे ने फोन उठाया। फोन उठाकर उसने कहा कि यह नंबर किसी दूसरे का है। इसके अलावा सौंपी गई सूची में कई मरीजों के नंबर भी नहीं हैं। वहीं अस्पताल का कहना है कि जिन मरीजों ने नंबर दिए उनके नंबर विभाग को सौंप दिये गए हैं।
ओटी में दवाई से लेकर उपकरण में मिला संक्रमण
मुजफ्फरपुर आई हॉस्पिटल के ऑपरेशन थियेटर (ओटी) में इंफेक्शन मिला है। माइक्रोबायोलॉजी लैब की जांच में यह बात सामने आई है। रिपोर्ट शुक्रवार को जारी की जाएगी। आई हॉस्पिटल में ऑपरेशन के बाद मरीजों की आंख में संक्रमण फैलने पर स्वास्थ्य विभाग ने जांच टीम बनाई थी। टीम ने एसकेएमसीएच की माइक्रोबायोलॉजी लैब से दो लोगों को बुलाकर आई हॉस्पिटल के ऑपरेशन थियेटर से नमूने लिए थे।