Sunday, June 4

धान खरीद भुगतान के ल‍िए एक साल से चक्‍कर लगा रहे क‍िसान

धान खरीद भुगतान के ल‍िए एक साल से चक्‍कर लगा रहे क‍िसान


मुरादाबाद
किसान एक साल से अपनी फसल का दाम लेने के लिए अफसरों के कार्यालय में चक्कर लगा रहे हैं। अधिकारी केंद्र प्रभारी को बचाने के लिए धान खरीद में हुई हेराफेरी को दबाने में लगे हैं। इसका किसी के पास जवाब नहीं है कि किसानों के भुगतान में समस्या पैदा ही क्यों हुई। दिसंबर में धान खरीद लिया गया था तो आनलाइन फीडिंग हो क्यों नहीं सकी। यही वजह रही है कि अभी तक इस गोलमाल का गुनहगार ही तय नहीं हो सका है। सरकार न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) पर वर्ष 2020-21 में किसानों की धान खरीद की। सरकार का दावा यह है कि 72 घंटे में किसानों के धान का भुगतान होगा। लेकिन, शायद ही कोई किसान ऐसा होगा, जिसका भुगतान इस अवधि में हुआ हो। लेकिन, हैरानी की बात यह है कि पिछले साल छजलैट ब्लाक के रायपुर खुर्द गांव स्थित क्रय केंद्र पर धान बेचने वाले 92 किसान ऐसे हैं, जिनके 70 लाख रुपये का अभी तक भुगतान ही नहीं हो सका। धान बेचने वाले सभी किसानों के पास रसीदें हैं। अधिकारी इसके बाद भी भुगतान दिलाने के बजाय टरका रहे हैं। एक-दूसरे की गलती बताकर किसानों को समझाकर घर भेज देते हैं। इसी तरह किसानों को एक साल हो चुका है। रायपुर खुर्द गांव के ही रहने वाले किसान सूरज सिंह का कहना है कि पिछले साल धान का रेट 1848 रुपये प्रति क्विंटल था। अधिकारी 1400 रुपये क्विंटल मिल से दिलाने की बात कर रहे हैं। एक साल बाद हमारा भुगतान हो रहा है, उसमें भी 448 रुपये कम क्यों ले लें। यह तो अन्याय है। अधिकारियों को चाहिए कि वह हमारे धान को नई खरीद में फीडिंग कराकर इस साल के रेट दिलाएं। सूरज सिंह का कहना है कि वह साेमवार को इस मामले को लेकर मंडलायुक्त से मुलाकात करेंगे। पीड़ित किसान इकरार हुसैन का कहना है कि धान खरीद के नाम पर उन्हें परेशान किया गया। एक साल बाद भी हम भुगतान के लिए भटक रहे हैं। इसके लिए जिम्मेदार अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई होनी चाहिए।

 

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