लखनऊ
चित्रकूट की महिला के साथ गैंगरेप मामले में बुधवार को एमपीएमएलए कोर्ट ने फैसला सुनाया। कोर्ट ने समाजवादी सरकार में मंत्री रहे गायत्री प्रजापति, अशोक तिवारी, आशीष शुक्ला को गैंगरेप और पोक्सो के तहत दोषी ठहराया है। वहीं विकास वर्मा ,रूपेश्वर, अमरेंद्र सिंह पिंटू और चंद्रपाल सबूतों के अभाव में बरी कर दिया। कोर्ट मामले में 12 नवंबर यानी शुक्रवार को दोषियों के खिलाफ सजा सुनाएगी।
दरअसल 18 फरवरी 2017 को सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर यूपी की अखिलेश यादव सरकार में मंत्री रहे गायत्री प्रसाद प्रजापति और अन्य छह आरोपियों के खिलाफ गौतमपल्ली में गैंगरेप, जानमाल की धमकी और पॉक्सो एक्ट के तहत मुकदमा दर्ज किया गया था। सुप्रीम कोर्ट ने यह आदेश पीड़िता की अर्जी पर दिया था। पीड़िता ने पूर्व मंत्री गायत्री प्रजापति समेत साथियों पर गैंगेरप समेत उसकी नाबालिग बेटी के साथ भी दुष्कर्म के प्रयास करने का आरोप लगाया था।
जेल में बंद हैं गायत्री प्रजापति
पीड़िता ने आरोप लगाया था कि साल 2014 में गायत्री के आवास पर उसके साथ गैंगरेप हुआ था। गायत्री प्रसाद प्रजापति गैंगरेप के मामले में 15 मार्च 2017 से जेल में बंद हैं।