भोपाल
क्रांति सूर्य जननायक टंट्या भील गौरव यात्रा को लेकर समूचे मालवा और निमाड़ अंचल में उत्साह देखा जा रहा है। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान 27 नवंबर को खंडवा ज़िले के पंधाना तहसील के गाँव बड़ोदा अहीर पहुँचकर उनकी जन्म-स्थली की पावन माटी को कलश में पूरित कर उसका पूजन करेंगे। यही कलश मालवा और निमाड़ के विभिन्न जनजातीय क्षेत्रों से आदर और श्रद्धापूर्वक यात्रा के रूप में निकलेगा। इसी तरह 27 नवम्बर को ही रतलाम ज़िले के बाजना से भी एक कलश यात्रा निकलेगी। आस्था और श्रद्धा रूपी इन यात्राओं का मिलन 3 दिसंबर को धार में होगा, जहाँ से यात्रा इन्दौर आएगी। इंदौर में यह यात्रा राजबाड़ा से होते हुए 4 दिसंबर की सुबह पातालपानी की उस माटी में विराम पाएगी, जहाँ जननायक टंट्या मामा भी माटी में मिल गए थे। एक कलश यात्रा महाकौशल अंचल में जबलपुर से उस धरा की पावन माटी को लेकर भी आएगी, जहां फिरंगियों ने जननायक टंट्या मामा को फाँसी दी थी।
गौरव यात्रा के सफल आयोजन के पुख्ता इंतजाम
जननायक टंट्या भील गौरव यात्रा इंदौर और उज्जैन संभाग के विभिन्न जिलों से होती हुई धार में 3 दिसम्बर को आकर मिलेंगी। यह यात्राएँ 4 दिसम्बर को पातालपानी आयेंगी। यात्रा मार्ग पर सभा एवं अन्य कार्यक्रम आयोजित किये जायेंगे। इस भव्य कार्यक्रम में जन भागीदारी सुनिश्चित करने के लिए आगामी सप्ताह में नियमित रूप से विभिन्न गतिविधियाँ संचालित की जाएंगी। इंदौर संभागायुक्त डॉ. पवन कुमार शर्मा ने बताया कि जननायक टंट्या मामा को श्रद्धा सुमन अर्पित करने के इस कार्यक्रम में शामिल हो रहे लोगों के खानपान, विश्राम एवं अन्य सभी मूलभूत व्यवस्थाएँ सुनिश्चित की जाएंगी। कलश यात्रा के दौरान ट्रैफिक व्यवस्था का पूर्ण ध्यान रखा जाएगा एवं कानून व्यवस्था बनाए रखने के लिए पर्याप्त दल नियुक्त किए जाएंगे। कलेक्टर मनीष सिंह ने बताया है कि कार्यक्रम स्थल पातालपानी में बस एवं अन्य माध्यम से आ रहे लोगों के लिए पर्याप्त पार्किंग व्यवस्था भी सुनिश्चित की जाएगी।
संभागायुक्त डॉ. शर्मा द्वारा सभी संबंधित जिलों के कलेक्टरों से चर्चा कर यात्रा के सुव्यवस्थित आयोजन के निर्देश दिये गये हैं। उन्होंने बताया कि जिलों के कलेक्टर और विभिन्न संगठनों से समन्वय कर आवश्यक व्यवस्थाएँ सुनिश्चित की जा रही हैं। यात्रा के सफल संचालन एवं इससे जुड़ी समस्त आवश्यक कार्यवाही के संपादन हेतु संभाग स्तर पर नोडल अधिकारी नियुक्त किये गये हैं। संभाग स्तरीय कंट्रोल रूम भी स्थापित किया गया है। जो 26 नवम्बर से कार्य समाप्ति तक प्रभावशील रहेगा।
इंदौर संभाग के विभिन्न क्षेत्रों से गुजरेगी गौरव कलश यात्रा
टंट्या मामा गौरव यात्रा दो मार्ग से प्रारंभ होगी। पहले मार्ग की यात्रा 27 नवम्बर को टंट्या मामा के जन्म-स्थल पंधाना तहसील के बड़ोदा अहीर से प्रारंभ होगी। दूसरे मार्ग की यात्रा रतलाम के बाजना से प्रारंभ होगी। इंदौर संभाग के अलीराजपुर जिले में एक दिसम्बर को यात्रा का झाबुआ के रानापुर मार्ग से प्रवेश होगा। जिले में प्रवेश होने पर उदयगढ़, काकानाकड़, आंबुआ में यात्रा का स्वागत किया जायेगा। इस यात्रा के अलीराजपुर आगमन पर टंट्या मामा की दाहोद नाका स्थित प्रतिमा पर माल्यार्पण किया जायेगा। यह यात्रा 2 दिसम्बर को अलीराजपुर से टांडा मार्ग से धार जिले के लिये प्रस्थान करेगी। यात्रा मार्ग में जननायक टंट्या मामा की गाथा का गायन, सभा स्थल पर सांस्कृतिक प्रस्तुति, नृत्य लोक गायन एवं आजादी के तरानों का गायन आदि का आयोजन किया जायेगा।
यात्रा का 28 नवम्बर को भातलपुरा से खरगोन जिले में प्रवेश होगा। 29 नवम्बर को यात्रा भीकनगांव से गोराडिया, शिवना, आभापुरी से होकर झिरन्या पहुँचेगी। झिरन्या से यात्रा सामरपाट होकर बिस्टान पहुँचेगी। शाम 6 बजे यात्रा खरगोन आयेगी और अगले दिन 30 नवम्बर को बड़वानी के लिये प्रस्थान करेगी। यह यात्रा 30 नवम्बर को सेगांव, नागलवाड़ी, सेंधवा तथा निवाली, एक दिसम्बर को पलसूद, सिलावद, बड़वानी तथा कुक्षी, 2 दिसम्बर को गंधवानी, मनावर तथा धरमपुरी, 3 दिसम्बर को नालछा होते हुए धार पहुंचेगी और 4 दिसम्बर को पातालपानी आकर मुख्य कार्यक्रम में शामिल होगी।
इसी तरह दूसरी यात्रा 29 नवम्बर को रतलाम जिले की सैलाना तहसील के बाजना से शुरू होकर सैलाना तथा रतलाम पहुँचेगी, 30 नवम्बर को पेटलावद, थांदला, मेघनगर तथा झाबुआ एक दिसम्बर को रानापुर तथा अलीराजपुर, 2 दिसम्बर को जोबट, टाण्डा तथा राजगढ़ और 3 दिसम्बर को बदनावर होते हुए धार पहुँचेगी तथा 4 दिसम्बर को पातालपानी आयेगी।
गौरव यात्रा मार्ग पर होंगी विभिन्न सांस्कृतिक गतिविधियां
जननायक टंट्या मामा गौरव यात्रा मार्ग में अनेक स्थल पर घुमन्तू गायकों द्वारा जननायक टंट्या मामा की गाथा का गायन एवं बहुरूपिया प्रदर्शन किया जायेगा। सभा स्थलों पर सांस्कृतिक प्रस्तुति अन्तर्गत नृत्य, लोक गायन एवं आज़ादी के तराने प्रस्तुत किये जायेंगे। जननायकों पर केन्द्रित फिल्मों का प्रदर्शन एवं चित्र प्रदर्शनी यात्रा मार्ग पर लगाई जायेगी। विकासात्मक प्रदर्शनी एवं फिल्में भी यात्रा में शामिल लोगों को दिखाई जायेंगी। संस्कृति विभाग द्वारा तैयार कराई गयी जनजातीय जननायकों पर केन्द्रित फिल्में एवं चित्रों की प्रदर्शनी विशेष रूप से आकल्पित चलित वाहन पर स्थापित एल.ई.डी. के माध्यम से प्रदर्शित की जायेगी। सांस्कृतिक प्रस्तुति के लिये मंचीय सुविधा से युक्त वाहन तैयार कराया जा रहा है, जिसमें ध्वनि एवं प्रकाश उपकरणों की व्यवस्था की जायेगी। घुमन्तू समुदायों (हरबोला, पोवाड़ा, गोंधल, ढंडार और भोपा) द्वारा गायी जाने वाली जननायकों पर केन्द्रित गाथाओं के गायन के लिये 12 सदस्यीय दल यात्रा से सम्बध्द किये जा रहे हैं। उल्लेखित व्यवस्थाएँ यात्रा के लिये प्रस्तावित दोनों मार्ग के लिये की गयी है। सांस्कृतिक समारोह के लिये अस्थाई मंच का निर्माण एवं एलईडी स्क्रीन की व्यवस्था भी की जायेगी। इन सभी गतिविधियों में क्षेत्रीय जन-प्रतिनिधि भी अपनी हिस्सेदारी निभायेंगे।
चार दिसम्बर के मुख्य कार्यक्रम की इंदौर में व्यापक तैयारियाँ
चार दिसम्बर को इंदौर जिले के पातालपानी में आयोजित टंट्या मामा स्मृति समारोह के लिये जिला प्रशासन द्वारा व्यापक तैयारियाँ कर ली गई हैं। जनजातीय कार्य विभाग द्वारा बलिदान दिवस पर आयोजित मुख्य कार्यक्रम के लिये इंदौर कलेक्टर मनीष सिंह को नोडल अधिकारी के रूप में नियुक्त किया गया है। कार्यक्रम हेतु मंचीय प्रकाश एवं ध्वनि, अस्थाई विद्युत कनेक्शन तथा दर्शकों के लिये बैठक-बिछायत की सम्पूर्ण व्यवस्था कर ली गई है। इसी तरह समारोह में शामिल होने वाले सभी नागरिकों के लिये पेयजल, शौचालय एवं अन्य मूलभूत व्यवस्थाएं कर ली गई हैं। स्थानीय लोगों को कार्यक्रम स्थल तक पहुंचाने के लिए बसों की व्यवस्था भी की गई है। समारोह में जननायक टंट्या मामा के जीवन और अवदान पर केन्द्रित चित्र प्रदर्शनी लगाई जायेगी तथा जनजातीय कलाकारों द्वारा समवेत नृत्य नाट्य 'टंट्या मामा' की प्रस्तुति भी दी जायेगी।
कलेक्टर सिंह ने बताया है कि पातालपानी में जननायक टंट्या मामा की कांस्य प्रतिमा स्थापित की जाएगी। 3 दिसंबर को रथ-यात्रा धार रोड से राजवाड़ा पहुँचेगी। यहाँ इंदौर शहर वासियों द्वारा यात्रा का स्वागत किया जाएगा। इसके बाद रथ-यात्रा स्टेडियम पहुँचेगी। जहाँ सांस्कृतिक कार्यक्रम आयोजित किए जाएंगे। अमर क्रांतिकारी टंट्या मामा के व्यक्तित्व और कृतित्व को जन-जन तक पहुँचाने के लिए इंदौर जिले में एक दिसंबर से ही सांस्कृतिक कार्यक्रमों का आयोजन शुरू हो जाएगा।