भोपाल
प्रदेश के कॉलेजों में यूजी और पीजी में प्रवेश लेने के लिए विद्यार्थियों को अब नामांकन कराने के लिए विश्वविद्यालयों के चक्कर नहीं काटने होंगे। क्योंकि उच्च शिक्षा विभाग ने नामांकन कराने की व्यवस्था में परिवर्तन किया है। अब विद्यार्थी का सीधे प्रवेश होने के बाद ही नामांकन हो जाएगा। विभाग विद्यार्थियों से नामांकन का शुल्क लेकर कॉलेज प्राचार्यों से विवि में जमा कराएगा। नियमित विद्यार्थी ‘आर’ और प्राइवेट विद्यार्थी ‘पी’ से होंगे नामांकित। उसके साथ उन्हें यूनिक आईडी भी दी जाएगी।
उच्च शिक्षा विभाग ने प्रदेश के 1301 निजी और सरकारी कॉलेजों में छह लाख 58 हजार विद्यार्थियों के प्रवेश लिए हैं। उनके पंजीयन कराने की जिम्मेदारी विभाग ने कॉलेज प्राचार्यों को दी हैं। यूजी के प्रथम वर्ष में प्रवेशरत विद्यार्थियों की सूची तैयार कर प्राचार्य संबंधित विवि को 10 दिसंबर तक देंगे। इसमें पीजी में प्रवेश लेने वाले विद्यार्थियों को शामिल किया जाएगा, जिनका पंजीयन संबंधित विवि में नहीं हुआ है। काउंसलिंग के दौरान विद्यार्थियों ने नामांकन का शुल्क जमा प्रवेश फीस की प्रथम किश्त के साथ नहीं किया, तो प्राचार्य विद्यार्थियों से दूसरी किश्त में नामांकन शुल्क के 165 रुपए के हिसाब से पूरी राशि विवि में जमा करेंगे। विभाग विद्यार्थी का नामांकन शुल्क कॉलेज के खाते मे आॅनलाइन जमा करेगा।
यूजी-पीजी में प्रवेश लेने विद्यार्थी को पंजीयन के साथ नामांकन फॉर्म भी जमा किया है। विवि कॉलेज से आने वाली सूची में नियमिति विद्यार्थी के पंजीयन में ‘आर’ दर्ज करेगा। जबकि प्राइवेट विद्यार्थी ‘पी’ से नामांकित होंगे। हालांकि अभी तक किसी भी विवि ने प्राइवेट परीक्षाओं के फॉर्म जमा कराना शुरु नहीं किए हैं। नामांकन विवि का नाम भी संक्षिप्त हो जाएगा। जैसे बरकतउल्ला विवि ‘बीयू’ और देवी अहिल्या विवि ‘डीएविवि’ हो जाएगा। विद्यार्थी एक विवि से दूसरे विवि में प्रवेश लेता है, तो उसके नामांकन में सिर्फ विवि का संक्षिप्त नाम और जोड दिया जाएगा। इसमें उसका नामांकन और यूनिक आईडी परिवर्तित नहीं होगी।