भोपाल
राजधानी सहित पूरे प्रदेश के आरटीओ में परिवहन विभाग द्वारा महीने में दो बार आयोजित की जाने वाली वीआईपी नंबरों की नीलामी फिर से शुरू हो गई है।
यह नीलामी 21 अक्टूबर यानी आज रात 12 बजे तक चलेगी। इस बार कार की नई सीरीज ईसी आने से 0007 नंबर के लिए वाहन खरीदारों में काफी उत्सुकता है। ऐसे में इस वीआईपी नंबर को लेने के लिए लोगों द्वारा नीलामी खेलने की संभावना है। इसके पहले राजधानी में यह वीआईपी नंबर 0007 एक बार ढाई लाख रुपए में बिक चुका है। त्यौहारों को देखते हुए इस बार विभाग कम से कम 50 नंबर बिकने की उम्मीद कर रहा हैं।
भोपाल में डेढ़ दर्जन से अधिक कार शोरूम में इस बार नवरात्र के दौरान खूब चार पाहिया वाहन उठे हैं। बीते सप्ताह और इस सप्ताह लगातार अवकाश होने के कारण वाहनों के रजिस्ट्रेशन को लेकर अब तक फाइलें आरटीओ नहीं पहुंच पाई हैं। फिर भी आंकड़ों की मानें तो नवरात्र में भोपाल में सैकड़ों वाहन बिके हैं। ऐसे में वीआईपी नंबर के लिए भी काफी लोग उत्सुक देखे जा रहे हैं। वीआईपी नंबरों को खरीदने के लिए दावेदारों ने बोली लगाना शुरू कर दी है। 0007 नंबर के अभी एक दावेदार ने 50 हजार रुपए की बेस प्राइस राशि भरकर अपना दावा जता दिया है। लेकिन आरटीओ अधिकारियों का कहना है कि आज शाम तक इस नंबर के लिए कई दावेदार मैदान में आ सकते हैं।
परिवहन विभाग हर महीने दो बार 01 से लेकर 07 और 15 से लेकर 21 तारीख तक इन नंबरों की नीलामी करता है। इसमें आवेदक किसी भी वीआईपी नंबर की बेस प्राइस की राशि को जमा कर नीलामी में भाग ले सकता है। एक से अधिक दावेदार होने पर ज्यादा बोली लगाने वाले को नंबर दिया जाता है। इस बार कार की नई सीरीज एमपी 04 ईसी को नीलामी में डाला गया है। ऐसे में विभाग बेस प्राइस से ही लाखों रुपए की कमाई करेगा।
क्षेत्रीय परिवहन कार्यालय में गुरुवार को वाहनों का पंजीयन कराने का दबाव बढ़ा। लगातार अवकाश के कारण आरटीओ में नवरात्र व दशहरा पर बिके वाहनों का पंजीयन कराने डीलरों की तरफ से कागजात पहुंचे हैं। आम दिनों में रोजाना आरटीओ में 200 से 250 वाहनों के पंजीयन होते हैं। त्योहारी में यह आंकड़ा 300 से 350 प्रतिदिन पहुंच जाता है। ऐसे में पांच दिन के अवकाश के कारण आरटीओ में सैकड़ों फाइलें पंजीयन के लिए पहुंची हैं। डीलरों द्वारा शोरूम से बेचे गए वाहनों का आॅनलाइन पंजीयन हो जाता है, लेकिन पंजीयन कार्ड आरटीओ से जारी होती हैं। वाहन खरीदने के बाद वाहन मालिका रजिस्ट्रेशन कार्ड के लिए कभी शोरूम, तो कभी आरटीओ के चक्कर लगाने पड़ते हैं। ऐसे में आरटीओ संजय तिवारी ने त्योहारी सीजन आने से पहले वाहन डीलरों को समय पर बेचने वाले वाहनों की जानकारी आरटीओ में उपलब्ध कराने के निर्देश दिए हैं।