भोपाल
मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा है कि स्मार्ट सिटी मिशन में जनता की आवश्यकता और शहर की प्राथमिकता के अनुसार जन-प्रतिनिधियों और नगरवासियों की सलाह से कार्यों की प्राथमिकता तय होगी तथा उसके अनुरूप ही निर्माण कार्य संचालित किए जाएंगे। स्मार्ट सिटी निर्माण में सौन्दर्यीकरण के स्थान पर उपयोगिता और जनता की सुविधा को प्राथमिकता बनाया जाएगा। कोई भी नया टेण्डर नहीं होगा और जो कार्य आरंभ नहीं हुए हैं उनकी समीक्षा की जाएगी। राशि का मितव्ययी और सही उपयोग सुनिश्चित किया जाएगा। मुख्यमंत्री चौहान ने कहा कि वे स्वयं सातों स्मार्ट सिटी भोपाल, इंदौर, जबलपुर, उज्जैन, ग्वालियर, सागर और सतना के जन-प्रतिनिधियों से संवाद करेंगे।
मुख्यमंत्री चौहान ने कहा कि वर्ष 2019 में स्मार्ट सिटी मिशन में हुए कार्यों, उनके औचित्य, टेंडर प्रक्रिया, व्यय राशि तथा अनियमितताओं की जाँच की जाएगी। बैठक में जानकारी दी गई कि प्रदेश में 6 हजार 600 करोड़ रूपए राशि से 587 योजनाएँ संचालित हैं। मुख्यमंत्री चौहान ने कहा कि सभी सात शहरों में संचालित योजनाओं की वे स्वयं बिन्दुवार समीक्षा करेंगे। मुख्यमंत्री चौहान मंत्रालय में स्मार्ट सिटी मिशन की समीक्षा बैठक को संबोधित कर रहे थे। नगरीय विकास एवं आवास मंत्री भूपेन्द्र सिंह, मुख्य सचिव इकबाल सिंह बैंस तथा अन्य अधिकारी उपस्थित थे।
मुख्यमंत्री चौहान ने कहा कि राज्य सरकार का उद्देश्य नगरीय विकास को नई दृष्टि देना है। बड़े शहरों के साथ मझौले और छोटे शहरों का नियोजन भी भविष्य की व्यवहारिक आवश्यकताओं के अनुसार किया जाए। मुख्यमंत्री चौहान ने कहा कि स्मार्ट सिटी मिशन के वित्तीय संसाधनों का उपयोग केवल स्मार्ट सिटी तक ही सीमित नहीं रहे। इसके वित्तीय संसाधनों का उपयोग संपूर्ण शहर के विकास में सुनिश्चित किया जाए। मूलभूत कार्यों के लिए स्मार्ट सिटी से नगर निगम या अन्य एजेंसियों को राशि हस्तांतरित करने में कोई परेशानी नहीं होनी चाहिए। स्मार्ट सिटी मिशन को शहरों के विकास का इंजन बनाना है। मिशन में उपलब्ध संसाधनों का उपयोग संपूर्ण शहर के अधोसंरचना विकास में किया जाए, यह केवल सौन्दर्यीकरण तक सीमित न रहे।
मुख्यमंत्री चौहान ने भोपाल में बंद पड़े कैमरों और सागर के निर्माणाधीन लाखा बंजारा तालाब की धीमी प्रगति पर अप्रसन्नता व्यक्त की। मुख्यमंत्री चौहान ने कहा कि स्मार्ट सिटी मिशन, नगर निगम एवं पुलिस सहित नगरीय प्रबंधन से संबंधित विभिन्न एजेंसियों से बेहतर समन्वय सुनिश्चित करें।
मुख्यमंत्री चौहान ने कहा कि स्टार्टअप्स इंक्यूबेशन सेंटरों का प्रभावी संचालन सुनिश्चित किया जाए। स्टार्टअप्स की अवधारणा को युवाओं में उद्यमिता को विकसित करने के लिए औद्योगिक और तकनीकी संस्थाओं से आवश्यक सहयोग लिया जाए।
जानकारी दी गई कि स्मार्ट सिटी मिशन योजना के प्रथम चरण में जनवरी 2016 में भोपाल, इंदौर, जबलपुर, द्वितीय चरण में सितम्बर 2016 से उज्जैन, ग्वालियर और तृतीय चरण में जून 2017 से सागर और सतना को लिया गया है। इन सात स्मार्ट शहरों में प्रदेश की नगरीय आबादी की 34.8 प्रतिशत आबादी निवासरत है। मिशन में क्षेत्र आधारित विकास में मुख्य अधोसंरचना कार्य जैसे ठोस अपशिष्ट प्रबंधन और ट्रांसफर स्टेशन्स, जल प्रदाय, फ्लाई ओवर तथा ब्रिज, पार्क, उद्यान, खेल परिसर, ऊर्जा दक्ष लाईटिंग, पुरातत्व धरोहर संरक्षण में रिस्टोरेशन, लेक डेव्हलपमेंट, बायो मैथेनाइजेशन प्लांट, मल्टीलेवल पार्किंग व नॉन मोटराईज ट्रांसपोर्ट संबंधी कार्य किए जा रहे हैं। पैन सिटी के अंतर्गत संपूर्ण शहर के लिए एकीकृत कमाण्ड एण्ड कंट्रोल सेंटर, इंटेलीजेंट ट्रेफिक मैनेजमेंट, स्टार्टअप इंक्युबेशन सेंटर, स्मार्ट क्लास रूम, स्मार्ट पोल जैसी गतिविधियाँ संचालित की जा रही हैं।
बैठक में स्मार्ट सिटी मिशन में ग्वालियर में सांस्कृतिक एवं पुरातत्व संग्रहालय, भोपाल की सदर मंजिल, ग्वालियर के टाउन हॉल, इंदौर की हरिराव होलकर छतरी एवं गांधी हॉल, ग्वालियर फोर्ट की फसाड लाइटिंग, उज्जैन के महाकाल मंदिर एवं निर्माणाधीन महाकाल मंदिर परिसर, इंदौर की कान्ह नदी संरक्षण एवं सौन्दर्यीकरण परियोजना, जबलपुर के गुलउआ ताल, भोपाल के स्मार्ट पार्क, ग्वालियर की एनर्जी एफिशिएंट एलईडी स्ट्रीट लाइट, भोपाल के आर्च ब्रिज, सागर के निर्माणाधीन फ्लाईओवर, भोपाल, इंदौर एवं उज्जैन के बायोमिथिनेशन प्लांट, भोपाल एवं इंदौर के अपशिष्ट ट्रांसफर स्टेशन, सौर ऊर्जा संयंत्र जबलपुर, इंदौर की छप्पन दुकानें, जबलपुर के खेल परिसर, उज्जैन के गणेश नगर स्मार्ट स्कूल, जबलपुर की मल्टीलेवल पार्किंग, भोपाल और इंदौर के स्टार्टअप्स इंक्यूबेशन सेंटर तथा ग्वालियर, जबलपुर और इंदौर में चल रहे इंटीग्रेटेड कमाण्ड एण्ड कंट्रोल सेंटर की जानकारी दी गई।