Saturday, December 2

जमुई बिहार को दिलाएगा अंतरराष्ट्रीय स्तर पर पहचान, यहां है देश का 44 प्रतिशत सोना

जमुई बिहार को दिलाएगा अंतरराष्ट्रीय स्तर पर पहचान, यहां है देश का 44 प्रतिशत सोना


सोनो (जमुई)
जमुई जिले के सोनो प्रखंड के करमटिया में सोने का अकूत भंडार जमुई ही नहीं बिहार को अंतराष्ट्रीय पहचान दिलायेगा। केंद्र सरकार ने 1982 के भूछेदन के बाद भू-तत्व व खनन विभाग की अनुशंसा पर अपनी मुहर लगा दी है। सर्वे रिपोर्ट में बताया गया है कि देश के कुल स्वर्ण भंडार का 44 प्रतिशत सोना जमुई के करमटिया के भू-गर्भ में छिपा है। इसके बाद सोनो प्रखंड की चुरहेत पंचायत का निर्जन स्थान करमटिया राष्ट्रीय व अंतरराष्ट्रीय स्तर पर सुर्खियों में आ गया है।  लगभग 39 वर्ष पहले नवंबर 1982 में स्थानीय लोगों ने मिट्टी में मिले स्वर्ण कणों को संग्रहित कर स्थानीय स्वर्णकारों के पास औने-पौने भाव में बेचना शुरू कर दिया। इसकी भनक जब स्थानीय प्रशासन को लगी तो अचानक प्रशासनिक गतिविधियां तेज हो गई। तत्कालीन अंचलाधिकारी एम.वारी ने इसकी सूचना वरीय अधिकारियों को दी।  प्रशासनिक सूचना के बाद भारत सरकार ने दिसंबर 1982 में करमटिया को सुरक्षित क्षेत्र घोषित कर दिया। करमटिया की मिट्टी व पत्थर के टुकड़े को रासायनिक व भौतिक जांच के लिए प्रयोगशाला भेजा गया। जांच में उक्त मिट्टी व पत्थर के टुकड़े के नमूने में सोना पाये जाने की पुष्टि के बाद कई वर्षों तक वहां पर भू-छेदन का कार्य चलता रहा, लेकिन खनन विभाग द्वारा सीमित क्षेत्र में भू-छेदन कार्य करने की बात बताई गई। इसके बावजूद भू-गर्भवेत्ताओं ने अपनी सर्वेक्षण रिपोर्ट में इस क्षेत्र को खनिज संपदा से भरपूर बताया। करमटिया में 24 कैरेट के सोना का अक्षय भंडार होने तथा यहां के भू-गर्भ में कई प्रकार की खनिज संपदा के साथ-साथ रत्नों का विशाल भंडार होने की पुष्टि तत्कालीन केंद्रीय भूतत्ववेत्ता एएन सिंह व तत्कालीन खनन सर्वेक्षक रामाशीष शर्मा ने की थी।

उन्नत तकनीक से कम खर्च में हो सकता है सोना का दोहन
खनन विभाग के वरीय पदाधिकारी ने सरकार को समर्पित प्रतिवेदन में इस बात का खुलासा किया था कि करमटिया में खुदाई के दौरान प्रति एक टन मिट्टी में डेढ़ ग्राम सोना पाया गया है, जबकि सरकारी मानक प्रति टन दो ग्राम सोना की उपलब्धता है। लगातार बढ़ रहे सोने के मूल्य व उन्नत हो रही तकनीक के बाद इस बात की जरूरत है कि सरकार द्वारा निर्धारित सरकारी मानक पर पुनर्विचार करे। साथ ही उन्नत तकनीक का उपयोग करे, जिससे कम लागत पर सोना निकाला जा सके। अगर सरकार यहां के भू-गर्भ में छिपी खनिज संपदाओं का उपयोग शुरू कर दे तो क्षेत्र की नक्सल समस्या का समाधान भी हो सकेगा और रोजगार के अभाव में भटके युवाओं के लिए रोजगार के द्वार भी खुलेंगे।

2002 में सोना खान से खुदाई की उम्मीदें जगी थी
सोने की खुदाई की संभावना फिर 2002 में जगी थी, जब तत्कालीन केंद्रीय खान मंत्री रामविलास पासवान ने अप्रैल में करमटिया के हवाई सर्वेक्षण के बाद भू-तत्ववेत्ताओं की टीम के साथ सोनो पहुंचे थे। केंद्रीय खान मंत्री ने करमटिया को स्वर्णमटिया घोषित कर खुदाई का कार्य शुरू करने की प्रतिबद्धता दिखाई थी। मंत्री के इस कवायद के बाद लोगों की उम्मीदें बढ़ गई तथा बेरोजगार युवा रोजगार के सपने देखने लगे। लेकिन उसके बाद किसी ने सुधि नहीं ली।

निर्देश मिलेगा तो फिर कार्रवाई होगी
सोनो के अंचलाधिकारी राजेश कुमार ने कहा, 'करमटिया क्षेत्र के भू-गर्भ में बड़े पैमाने पर सोना होने की सूचना के बाद सन 1982 में प्रशासनिक स्तर पर जो भी कार्रवाई की गई थी, वहां पर आज तक यथावत स्थिति बनी है। उसके बाद करमटिया क्षेत्र के सीमांकन करने या किसी प्रकार की कोई कार्रवाई करने का निर्देश प्राप्त नहीं है। अगर कोई भी निर्देश मिलता है तो त्वरित कार्रवाई की जायेगी।'

 

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