Tuesday, December 2

‘तीसरे दर्जे का वकील’ कहने पर पत्रकार को एक महीने की जेल

‘तीसरे दर्जे का वकील’ कहने पर पत्रकार को एक महीने की जेल


नई दिल्ली
एक वकील को तीसरे दर्जे का बताना एक पत्रकार को भारी पड़ गया है और इस गलती के लिए उसे एक महीने जेल की सजा भुगतनी होगी। सुप्रीम कोर्ट ने मानहानि का दोषी पाए गए पत्रकार की याचिका को खारिज कर दिया है। उसे एक महीने की कैद की सजा सुनाई है। याचिका पर सुनवाई करते हुए जस्टिस सूर्य कांत ने याचिकाकर्ता को फटकार लगाई और कहा, ''आपने किसी को 'तीसरे दर्जे का वकील' कहा। आप इस तरह की भाषा का इस्तेमाल करते हो और दावा करते हो कि तुम पत्रकार हो।''  चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया (सीजेआई) की अगुआई वाली बेंच में शामिल जस्टिस हिमा कोहली ने कहा, ''अपने लेख की भाषा देखो।'' सजा को 'उदार' बताते हुए सीजेआई ने कहा, ''यह पीत पत्रकारिता है। यह उदारता है कि केवल एक महीने की कैद दी गई है।''
 

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *