नई दिल्ली
उत्तराखंड में 2012 से बन रही रणनीतिक रूप से महत्वपूर्ण बहुप्रतीक्षित मुनस्यारी-मिलम सड़क के 2023 के आखिर से पहले पूरी होने की संभावना नहीं है। यह जानकारी सीमा सड़क संगठन (BRO) के सीनियर अधिकारी एमएनवी प्रसाद ने दी है। उन्होंने बताया है कि ऊंची पहाडियों पर बन रही सड़क को 2021 तक पूरा होना था लेकिन मुश्किल चट्टानों में रास्ता बनाने में दिक्कतें आई हैं। उन्होंने आगे बताया कि सर्दियों में जीरो डिग्री सेल्सियस से नीचे तापमान के अलावा कोविड महामारी के कारण भी प्रोजेक्ट को पूरा होने में देरी हुई है।
इस महत्वपूर्ण रणनीतिक सड़क के पूरा होने के बाद, वाहनों द्वारा भारत-चीन सीमा पर जौहर घाटी में अंतिम सुरक्षा चौकियों तक पहुंचना आसान हो जाएगा। BRO द्वारा इस 65 किलोमीटर लंबी सड़क का निर्माण किया जा रहा है और इसके 2023 के आखिर तक पूरा होने की संभावना है। इस प्रोजेक्ट को पूरा करने के लिए पहले 2015 का लक्ष्य रखा गया था लेकिन कई कारणों से इसे बढ़ाकर 2021 तक कर दिया गया था। और अब इसे बढ़ाकर 2023 कर दिया गया है।
प्रसाद ने आगे बताया है कि निर्माण एजेंसी मुनस्यारी की ओर से 25 किलोमीटर सड़क का निर्माण कर चुकी है लेकिन इसके बाद का 15 किलोमीटर का हिस्सा मुश्किल चट्टानों से होकर गुजरता है जिसके कारण देरी हुई है। उन्होंने बताया है कि मिलम की ओर से भी सड़क का नौ किलोमीटर का हिस्सा पूरा हो गया है।
इस सड़क के पूरा होने से भारत चीन सीमा पर जोहार घाटी में स्थित आखिरी सुरक्षा चौकियों तक वाहनों से पहुंचना आसान हो जाएगा। इसके साथ ही मिलम हिमनद देखने को आने वाले पर्यटक और जोहार घाटी के स्थानीय लोगों को भी इस सड़क से बहुत सुविधा हो जाएगी।