उज्जैन
महाकाल मंदिर प्रबंध समिति ने अब आम भक्तों के लिए 200 रुपये शुल्क के साथ भस्मारती की तत्काल बुकिंग की नई व्यवस्था शुरू की है। श्रद्धालु प्रतिदिन शाम 7 बजे मंदिर कार्यालय के पास स्थित सामान्य दर्शनार्थियों के बुकिंग काउंटर पर शुल्क जमा कराकर अनुमति प्राप्त कर सकते हैं।
मंदिर प्रशासक गणेश कुमार धाकड़ ने बताया महाकाल मंदिर में तड़के 4 बजे होने वाली भस्मारती दर्शन के लिए श्रद्धालुओं को एक दिन पूर्व अनुमति लेना अनिवार्य है। इसके लिए विभिन्न श्रेणी में करीब 1500 भक्तों को प्रतिदिन अनुमति दी जाती है। आनलाइन अनुमति के लिए 100 रुपये तथा प्रोटोकाल व पुजारी, पुरोहित के यजमानों के लिए 200 रुपये शुल्क के साथ अनुमति दी जाती है।
कई बार इन दो श्रेणियों में सीट बच जाती है, अब इन सीटों को तत्काल बुकिंग के रूप में आम भक्तों को आवंटित किया जाएगा। इसके लिए श्रद्धालुओं को प्रतिदिन शाम 7 बजे 200 रुपये शुल्क के साथ मंदिर कार्यालय के समीप स्थित तत्काल बुकिंग काउंटर पर आवेदन करना होगा। सीट उपलब्ध रहने तक बुकिंग की जाएगी।
मंदिर का व्यवसायीकरण कर दिया
मंदिर समिति के इस प्रस्ताव पर हिंदू धर्मावलंबियों का कहना था कि प्रबंध समिति ने महाकाल मंदिर का व्यवसायीकरण कर दिया है। अगर समिति की मंशा धर्म स्थल को व्यापारिक प्रतिष्ठान बनाने की नहीं होती, तो बची हुई सीट आम दर्शनार्थियों को नि:शुल्क उपलब्ध कराई जाना थी। श्री क्षेत्र पंडा समिति के अध्यक्ष पं.राजेश त्रिवेदी ने कहा कि भस्मारती की कुल सीटों में से सिर्फ 20 फीसद सीटें आम जनता के लिए उपलब्ध हैं। 1500 सीटों में से आम दर्शनार्थियों के लिए मंदिर समिति ने मात्र 300 सीट रखी है। अफसरों को व्यवसायिक मानसिकता छोड़कर बची हुई सीट आम भक्तों को नि:शुल्क देना चाहिए थीं