Saturday, December 9

दो रिटायर्ड ACS सहित कई IAS सूचना आयुक्त बनने कतार में, बढ़ सकती है डेट

दो रिटायर्ड ACS सहित कई IAS सूचना आयुक्त बनने कतार में, बढ़ सकती है डेट


भोपाल
मध्यप्रदेश में सूचना आयुक्त बनने के लिए सेवानिवृत्त एसीएस सहित एक दर्जन से अधिक आईएएस अफसर कतार में है। इस बार सूचना आयुक्त के पदों के लिए कुल 121 आवेदन आए है। इस बार सामान्य प्रशासन विभाग ने इन पदों को भरने के लिए आॅफलाईन आवेदन करने का विकल्प नहीं दिया था जिसके चलते कई लोग आवेदन करने से वंचित रह गए है। इसको लेकर मुख्यमंत्री से शिकायत की गई है। इसके चलते सूचना आयुक्त के पदों के लिए आवेदन करने की डेट एक बार फिर बढ़ सकती है।

 राज्य सूचना आयोग ने सूचना आयुक्त के रिक्त पदों पर तैनाती करने के लिए इस बार आॅनलाईन आवेदन बुलाए थे। इस बार आठवी पास से लेकर राज्य में अपर मुख्य सचिव के पद पर काम कर चुके रिटायर्ड अफसर, रिटायर्ड जज,  पत्रकार और समाजसेवी सूचना आयुक्त बनने के लिए कतार में है। प्रदेश के पूर्व अपर मुख्य सचिव मनोज श्रीवास्तव, पूर्व अपर मुख्य सचिव और कृषि उत्पादन आयुक्त रह चुके केके सिंह, पिछले माह सचिव के पद से रिटायर हुए आईएएस एमके अग्रवाल, रिटायर्ड आईएएस एमबी ओझा, भोपाल संभागायुक्त पद से रिटायर हुए कवीन्द्र कियावत और उनकी पत्नी आयुक्त लोक शिक्षण के पद से रिटायर हुई आईएएस जयश्री किवावत भी सूचना आयुक्त बनने के लिए कतार में है। लोकायुक्त में सलाहकार रही रिटायर्ड जज रश्मि अग्रवाल ने भी सूचना आयुक्त बनने के लिये आवेदन किया है।

प्रदेश में सूचना आयुक्त के पद पर तैनात होंने वाले सूचना आयुक्तों को दो लाख 25 हजार मासिक वेतन मिलता है। इसके अलावा उन्हें नि:शुल्क वाहन, ड्राइवर, भृत्य और अन्य स्टाफ की सुविधा मिलती है। सूचना आयुक्त रहते हुए आयुक्त प्रदेश में जिस जिले और संभाग की जिम्मेदारी संभालते है वहां के जमकर दौरे भी करते है। इतनी सुविधाओं और मोटे वेतन के चलते आईएएस अफसर भी इस पद पर आवेदन कर रहे है।

सूचना आयुक्त के पद और वेतन-भत्तों, सुविधाओं का इतना अधिक क्रेज है कि सतना सरकारी नौकरी कर रहे एक पटवारी ने भी सूचना आयुक्त बनने के लिए आवेदन किया है। आठवी पास बेरोजगारों ने भी सूचना आयुक्त बनने आवेदन किया है।

राज्य सूचना आयोग में जिस तरह राजनीतिक पार्टियों से जुड़े कई समाजसेवी, पत्रकारों को मौका मिलता रहा है उसको देखते हुए इस बार भी अघेषित रूप से भाजपा, आरएसएस और कांग्रेस से जुड़े कई पत्रकारों, समाजसेवियों ने इस बार सूचना आयुक्त बनने के लिए आवेदन किए है। संभावना है कि इस बार भी राजनीतिक दलों से जुड़े दो पत्रकारों को सूचना आयुक्त बनाया जा सकता है।

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