मुंबई में रहने वालों के लिए छठ पर्व के दौरान थोड़ी मुश्किल हो सकती है। बीएमसी का नया आदेश इसका कारण है। मायानगरी मुंबई में छठ पूजा को लेकर कई प्रतिबंध लगाए गए हैं। इस बार समंदर के किनारे लोग त्योहारनहीं मना सकेंगे। बीएमसी ने समुद्र तट और नदी किनारे बड़े पैमाने पर छठ पूजा करने पर रोक लगाने का आदेश दिया है। छठ पूजा के दौरान होने वाली भीड़ को रोकने के लिए बीएमसी ने ऐसी रोक लगाई है।
बीएमसी ने अपील की है कि श्रद्धालु भीड़भाड़ से बचें। हालांकि कारपोरेशन की तरफ से कहा गया है कि कृत्रिम तालाब बनाने की मंजूरी दी जा सकती है। लेकिन कोरोना प्रोटोकाल का ध्यान पूरी तरह से रखना होगा। पूजा स्थल पर मेडिकल टीम की तैनाती की जाएगी। कारपोरेशन का कहना है कि कोरोना को रोकने के लिए हर संभव कदम उठाए जा रहे हैं। लोगों को भी प्रशासन का साथ देना चाहिए।
दिल्ली में इस बार सार्वजनिक जगहों पर छठ का आयोजन नहीं होगा। लोग अपने घरों में या किसी निजी स्थल पर छठ पर्व मना सकेंगे। कोरोना दिशानिर्देशों का पालन करना जरूरी होगा। सरकार ने 20 नवंबर को छठ पूजा के अवसर पर सार्वजनिक छुट्टी का ऐलान किया है। दक्षिणी दिल्ली नगर निगम ने कहा कि अन्य त्योहारों की तरह ही छठ पर्व भी सामाजिक दूरी के नियमों का पालन करते हुए मनाया जा सकता है।
छठ पूजा 18 नवंबर से देश भर में शुरू हो गई है। बिहार, उत्तर प्रदेश और झारखंड में इस त्योहार को धूमधाम से मनाया जाता है। इसके अलावा कई और जगहों पर भी लोग इस त्योहार को धमूधाम से मनाते हैं। चार दिनों तक चलने वाला पर्व 18 नवंबर से नहाय खाय के साथ शुरू होता है। इस पर्व की तैयारियां कुछ दिन पहले से ही शुरू हो जाती है। कोरोना को देखते हुए राजधानी दिल्ली समेत तमाम सूबों में कदम उठाए गए हैं।
गौरतलब है कि कोरोना की दूसरी लहर के दौरान आयोजित किए गए कुंभ मेले को लेकर मोदी व उत्तराखंड की सरकार पर छींटाकशी हुई थी। लाखों लोगों को जुटने देने के लिए सरकार की विदेशी मीडिया में भी आलोचना हुई। लिहाजा छठ पूजा को लेकर सावधानी बरती जा रही है। छठ में बड़ी संख्या में लोग सामूहिक पूजा करते हैं। इस बार कोरोना को लेकर कुछ आयोजकों ने सार्वजनिक आयोजन निरस्त कर दिए हैं। वहीं कुछ स्थानों पर आयोजन किए जा रहे हैं।