भोपाल
मध्यप्रदेश में कार्यरत आईएएस, आईपीएस, आईएफएस अफसरों सहित राज्य प्रशासनिक सेवा और अन्य सभी सेवाओं के अफसरों की विभागीय जांच के लिए अब नया फॉर्मेट तैयार होगा। विभागीय जांच आॅनलाइन होगी और इसके लिए एक विभागीय जांच पोर्टल भी होगा। इसके दिशा निर्देश तैयार करने के लिए समान्य प्रशासन विभाग के अपर मुख्य सचिव विनोद कुमार की अध्यक्षता में एक समिति भी गठित की गई है।
अभी तक अलग-अलग संवर्ग के अधिकारियों-कर्मचारियों की विभागीय जांच के लिए अलग-अलग पैटर्न तय है। सभी विभागीय जांच आॅफलाइन होती है। इसके चलते लंबे समय तक विभागीय जांच चलती रहती है और कई बार तो जांच के दायरे में आने वाला अफसर रिटायर ही हो जाता है और उनकी विभागीय जांच पूरी कर दंडित करने की कार्यवाही नहीं हो पाती। इसलिए विभागीय जांच प्रक्रिया में तेजी लाने और इसे आॅनलाइन करने के लिए यह नई प्रक्रिया तय की जा रही है। प्रदेश में चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी से लेकर प्रथम श्रेणी के अधिकारी, राज्य सेवा के अफसर और मध्यप्रदेश कॉडर के आईएएस, आईपीएस तथा आईएफएस अफसरों की विभगीय जांच के लिए एक विभागीय जांच पोर्टल बनाया जाएगा। इस पर विभागीय जांच पूरी तरह से आॅनलाइन की जाएगी। इसमें आॅनलाइन नोटिस जारी होंगे। सुनवाई भी आॅनलाइन होगी। उस पर बयान और जवाब की कार्यवाही भी आॅनलाइन डाली जाएगी। हर काम के लिए समयसीमा तय होगी। इससे सारी कार्यवाही तेजी से पूरी होगी और दोषी अधिकारी की जांच पूरी होने पर उसे समय पर दंडित या निर्दोष घोषित करने की कार्यवाही समय पर पूरी हो सकेगी।
समिति पंद्रह दिन में देगी रिपोर्ट
एसीएस जीएडी विनोद कुमार की अध्यक्षता में मध्यप्रदेश विभागीय जांच प्रबंधन प्रणाली के दिशा निर्देश बनाने के लिए समिति गठित की गई है। इसमें जलसंसाधन विभाग के अपर मुख्य सचिव, लोक निर्माण, राजस्व, विधि एवं विधायी कार्य विभाग तथा मध्यप्रदेश विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विभाग के प्रमुख सचिव सदस्य होंगे। सामान्य प्रशासन विभाग नियम शाखा के उपसचिव इस समिति के सदस्य सचिव होंगे। यह समिति पंद्रह दिन में अपना प्रतिवेदन प्रस्तुत करेगी।