मुंबई
क्या किसी इंसान की मौत अगले पांच साल में हो सकती है? क्या ये पता लगाया जा सकता है कि किसी पर मौत का खथरा मंडरा सकता है? ये वो सवाल हैं जो आपको थोड़े अटपटे लग रहे होंगे. लेकिन नए रिसर्च ने इन्हीं सवालों का जवाब दिया है. अगर आपकी जेब में स्मार्टफोन है तो फिर ये पता लगाया जा सकता है कि अगले पांच साल के दौरान आप पर मौत का कितना खतरा है. पिछले हफ्ते इसको लेकर अमेरिका में एक स्टडी के नतीजे पब्लिश हुए हैं.
इसके लिए आपके स्मार्टफोन को किसी स्पेशल एप की जरूरत नहीं पड़ेगी. वैज्ञानिकों के मुताबिक स्मार्टफोन में मोशन सेंसर के जरिए जमा किए गए सिर्फ 6 मिनट की पैदल दूरी के डेटा से, अगले पांच वर्षों में किसी के मरने के जोखिम का अनुमान लगाने के लिए पर्याप्त हो सकता है.
कैसे लगाया पता
इलिनोइस अर्बाना-शैंपेन विश्वविद्यालय में ब्रूस शेट्ज के मुताबिक अधिकांश लोगों के पास समान सेंसर वाले स्मार्टफोन होते हैं, लेकिन उनके द्वारा जमा किए गए गतिविधि डेटा से मृत्यु दर जोखिम की गणना करना मुश्किल होता है.दरअसल लोग पूरे दिन अपने फोन को जेब में नहीं रखते हैं. शेटज़ और उनके सहयोगियों ने यूके बायोबैंक अध्ययन में 100,655 लोगों के डेटा को देखा. बता दें कि बायोबैंक ब्रिटेन में रहने वाले मध्यम आयु वर्ग और वरिष्ठ वयस्कों के स्वास्थ्य पर 15 साल से जानकारी जमा कर रहा है. उस अध्ययन के हिस्से के रूप में, लोगों ने एक सप्ताह के लिए अपनी कलाई पर मोशन सेंसर पहने थे. अगले पांच वर्षों के दौरान लगभग 2 प्रतिशत प्रतिभागियों की मौत हो गई.
पैदल चलने से लगेगा अनुमान
शोधकर्ताओं ने मशीन लर्निंग मॉडल के माध्यम से प्रतिभागियों के लगभग दसवें हिस्से पर मोशन सेंसर और डेथ डेटा चलाया. एक एल्गोरिदम विकसित किया जिसने 6 मिनट की पैदल दूरी के दौरान पांच साल की मृत्यु दर का अनुमान लगाया. शटज़ कहते हैं, ‘कई बीमारियों के लिए, विशेष रूप से दिल या फेफड़ों की बीमारियों के लिए, एक बहुत ही खासपैटर्न होता है जहां लोग तेज सांस लेने पर थोड़ा धीमा हो जाते हैं और फिर से तेज़ चलने लगते हैं.’

