Thursday, November 30

दो दशक में ओडिशा ने 10 चक्रवातों का सामना किया

दो दशक में ओडिशा ने 10 चक्रवातों का सामना किया


भुवनेश्वर

ओडिशा के आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (ओएसडीएमए) के आधिकारिक रिकॉर्ड में कहा गया है कि राज्य ने 22 साल की अवधि में आसन्न ‘जवाद’ सहित 10 चक्रवातों का सामना किया है तथा ऐसी प्राकृतिक आपदाओं की आवृत्ति बढ़ रही है। वर्ष 1999 के ‘महाचक्रवात’ की यादें अभी भी ताजा हैं, जिसकी हवाओं की गति का मौसम विज्ञान केंद्र, भुवनेश्वर में ठीक से पता नहीं लगाया जा सका, और हवाओं की रफ्तार उस समय उपलब्ध एनीमोमीटर की क्षमता को पार कर गई थी।

दस हजार से अधिक लोगों की जान लेने वाली 1999 की आपदा के बाद, राज्य में ‘फैलिन’ से 23 लोग मारे गए थे। 2014 में ‘हुदहुद’ से दो लोगों की मौत हुई थी, जबकि आंध्र प्रदेश में इससे 60 से अधिक लोगों की जान चली गई थी। इसके बाद, 2018 में चक्रवात ‘तितली’ से ओडिशा में 70 लोग मारे गए थे। इसके बाद के उसी वर्ष में, दो चक्रवात, ‘फणि’ और ‘बुलबुल’ देश के पूर्वी तट से टकराए, जिससे ओडिशा और पश्चिम बंगाल में व्यापक क्षति हुई। वर्ष 2020 में चक्रवात ‘अम्फान’ की वजह से भी ओडिशा और पश्चिम बंगाल में जानमाल का नुकसान हुआ था। यह 20 मई को पश्चिम बंगाल में बक्खाली के पास टकराया था।

इस साल मई में, चक्रवात ‘यास’ ओडिशा के धामरा टकराया था जिससे दो लोगों की मौत हो गई थी। सितंबर में, चक्रवात ‘गुलाब’ अपने साथ भारी बारिश लेकर ओडिशा-आंध्र प्रदेश तट को पार कर गया। विभिन्न राज्यों और पड़ोसी देशों में 20 से अधिक लोगों की चक्रवात ‘गुलाब’ से मौत हो गई थी। इसी दौरान चक्रवात ‘शाहीन’ उत्पन्न हो गया।

ओडिशा ‘जवाद’ का सामना करने के लिए तैयार
ओडिशा इस समय चक्रवात ‘जवाद’ के लिए तैयार है, जिसे लगभग 100 वर्षों में राज्य में पहला शीतकालीन चक्रवात माना जा रहा है। हालांकि, चक्रवात कमजोर हो गया है और हो सकता है कि तट इसकी चपेट में न आए। क्षेत्रीय मौसम विज्ञान केंद्र, भुवनेश्वर के पूर्व निदेशक शरत सी साहू ने कहा कि चक्रवातों की आवृत्ति में वृद्धि के लिए जलवायु परिवर्तन एक प्रमुख कारक है।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *