इस्लामाबाद
आजादी के समय भारत का विभाजन कराकर पाकिस्तान बनाने वाले कायद-ए-आजम मोहम्मद अली जिन्ना अब चोरों का शिकार हो गए हैं। कंगाली की हालत से जूझ रहे पाकिस्तान में एक मूर्ति में लगे एक लेंस वाले चश्मे को चोरों ने चोरी कर लिया है। यह मूर्ति पाकिस्तान के पंजाब प्रांत में वेहारी इलाके में लगाई गई है। एक लेंस वाले चश्मे की मदद से ही जिन्ना आजीवन पढ़ने का काम करते थे। बताया जा रहा कि जिस चश्मे को चोरी किया गया है, वह उनके असली चश्मे की नकल था। जिस इलाके में यह मूर्ति लगाई गई है, वहां पर बड़े- बड़े अफसरों का घर है और सुरक्षा व्यवस्था मजबूत रहती है। जिन्ना की ऐसी बहुत सी तस्वीरें हैं जिनमें वह एक लेंस वाला चश्मा लगाए दिखाई देते हैं। जिन्ना की यह मूर्ति पाकिस्तान के संविधान सभा में दिए गए भाषण की तस्वीर पर आधारित है। इसी भाषण में जिन्ना ने अल्पसंख्यकों को उनका हक देने की बात कही थी।
जिन्ना और उनकी बहन फातिमा जिन्ना की संपत्ति भी गायब
बताया जा रहा है कि शनिवार-रविवार की रात में चोरों ने मूर्ति से जिन्ना की पहचान बन चुका यह चश्मा चोरी कर लिया। हालांकि गनीमत रही कि चोरों ने मूर्ति को तोड़ा नहीं जैसाकि देश के अन्य हिस्सों में हो चुका है। बता दें कि जिन्ना और उनकी बहन फातिमा जिन्ना की संपत्ति भी गायब हो गई है। इसको देखते हुए पाकिस्तान की एक अदालत ने पिछले दिनों देश के संस्थापक मोहम्मद अली जिन्ना और उनकी बहन फातिमा की सम्पत्ति और अन्य सामानों का पता लगाने के लिए एक सदस्यीय आयोग का गठन किया था। सिंध उच्च न्यायालय (एसएचसी) के आदेश के बाद, सेवानिवृत्त न्यायमूर्ति फहीम अहमद सिद्दीकी की अध्यक्षता में मंगलवार को आयोग का गठन किया गया। अदालत ने जिन्ना अैर उनकी बहन के शेयर, आभूषणों, गाड़ियों और बैंक खातों में मौजूद पैसों सहित सम्पत्तियों से सम्बंधित 50 साल पुराने एक मामले की सुनवाई के दौरान यह आदेश दिया था। पाकिस्तान की स्थापना के एक साल बाद सितंबर 1948 में जिन्ना का निधन हो गया था।
बलूच विद्रोहियों ने पिछले दिनों मोहम्मद अली जिन्ना की मूर्ति को उड़ाया
इससे पहले इमरान खान सरकार को लगातार जख्म दे रहे बलूच विद्रोहियों ने पिछले दिनों मोहम्मद अली जिन्ना की मूर्ति को उड़ा दिया था। यह हमला पाकिस्तान के ग्वादर शहर में हुआ था जहां चीन चाइना-पाकिस्तान आर्थिक कॉरिडोर के तहत अरबों डॉलर का निवेश कर रहा है। प्रतिबंधित बलूच लिबरेशन फ्रंट ने इस बम हमले की जिम्मेदारी ली थी। पाकिस्तानी अखबार डॉन की रिपोर्ट के मुताबिक जिन्ना की इस मूर्ति को इस साल के शुरू में मरीन ड्राइव इलाके में लगाया गया था जिसे सुरक्षित इलाका माना जाता है।