Saturday, December 2

मध्य प्रदेश में पंचायत चुनाव ईवीएम से तीन चरणों में होगा मतदान, निर्वाचन आयोग ने की तारीखें घोषित कीं

मध्य प्रदेश में पंचायत चुनाव ईवीएम से तीन चरणों में होगा मतदान, निर्वाचन आयोग ने की तारीखें घोषित कीं


भोपाल
मध्य प्रदेश राज्य निर्वाचन आयोग ने शनिवार को पंचायत चुनावों की तारीखों का ऐलान कर दिया है। तीन चरणों में होने जा रहे चुनाव में पहला चरण छह जनवरी 2022 को होगा। दूसरा चरण 28 जनवरी औऱ तीसरा चरण पंचायत चुनाव 16 फरवरी को होंगे। पंचायत चुनाव में पंच-सरपंच को छोड़कर मतदान ईवीएम से ही कराए जाने का ऐलान किया गया है। वहीं, शनिवार को सुबह ही हाईकोर्ट में पंचायत परिसीमन निरस्त किए जाने के खिलाफ और आरक्षण कराने के सरकार के प्रयासों को लेकर याचिकाओं पर सुनवाई हुई थी जिसमें सरकार से दो सप्ताह में जवाब मांगा गया है।

राज्य निर्वाचन आयोग के आयुक्त बीपी सिंह ने शनिवार को मीडिया के सामने चुनाव की तारीखों का ऐलान किया। उन्होंने हाईकोर्ट में पंचायत चुनाव को लेकर याचिकाओं की सुनवाई पर कहा है कि अदालत जो भी आदेश देगी उसके मुताबिक कार्रवाई की जाएगी। इसके साथ ही निर्वाचन आयुक्त बीपी सिंह ने कहा कि पहले चरण और दूसरे चरण के चुनाव के लिए 20 दिसंबर 2021 तक नामांकन पर्चा भरा जा सकता है तो तीसरे चरण के मतदान के लिए छह जनवरी 2022 तक नामांकन पत्र दाखिल किए जा सकते हैं। मतदान की स्थितियां बनने पर पहले चरण का मतदान छह जनवरी 2022, दूसरे चरण के मतदान 28 जनवरी और तीसरे चरण के मतदान की तारीख 16 फरवरी होगी।

भोपाल-इंदौर में एक चरण में चुनाव
राज्य निर्वाचन आयुक्त सिंह ने कहा कि भोपाल-इंदौर सहित हरदा, निवाड़ी और ग्वालियर जिलों मेंं एक ही चरण में पंचायत चुनाव होंगे तो जबलपुर, बुरहानपुर, सिंगरौली, उमरिया, अनूपपुर, श्योपुर, देवास में दो चरणों में चुनाव संपन्न कराए जाएंगे। 55000 ईवीएम से मतदान होगा और सुबह सात बजे से दोपहर तीन बजे तक ही मतदान होगा। पंच और सरपंच का मतदान मतपत्रों से होंगे।

हाईकोर्ट में आज ही हुई थी सुनवाई
पंचायत चुनाव की तारीखों के ऐलान पर कांग्रेस ने विरोध शुरू कर दिया है।शनिवार को सुबह ही वरिष्ठ अधिवक्ता और राज्यसभा सदस्य विवेक तन्खा सहित अन्य अधिवक्ताओं ने पंचायत चुनाव को लेकरहाईकोर्ट में याचिका पर सुनवाई के दौरान शिवराज सरकार द्वारा पंचायतों के परिसीमन को निरस्त किए जाने पर आपत्ति की थी। अदालत ने इसमें दो सप्ताह में सरकार से जवाब मांगा था। इस बीच शाम को राज्य निर्वाचन आयोग के चुनाव की तारीखों के ऐलान पर कांग्रेस – भाजपा आमने सामने आ गए हैं। प्रदेश भाजपा के मंत्री रजनीश अग्रवाल ने कहा है कि पंचायत चुनाव दलीय आधार पर नहीं होते और राज्य निर्वाचन आयोग संवैधानिक संस्था व स्वतंत्र है।

सरकार पंचायत चुनाव नहीं कराना चाहती

वहीं, कांग्रेस के प्रदेश प्रवक्ता व चुनाव कार्य प्रभारी जेपी धनोपिया ने आरोप लगाया है कि सरकार को हर पांच साल में पंचायतों के परिसीमन के बाद चुनाव कराए जाने चाहिए। यह कानूनी प्रावधान है लेकिन सरकार बिना परिसीमन किए चुनाव करा रही है। इसको लेकर हाईकोर्ट में भी सुबह ही सुनवाई हुई थी तो सरकार को इतनी जल्दी क्या थी। भाजपा राजनीति कर रही है और वह दिखाना चाहती है कि वह तो पंचायत चुनाव कराना चाहती है। मगर अदालत में सरकार जवाब नहीं दे पाएगी तो चुनाव नहीं हो पाएंगे।

 

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