Saturday, June 3

राज्य स्तरीय मत्स्य प्रसंस्करण प्रशिक्षण में प्रतिभागियों ने सीखा मछली का अचार बनाना

राज्य स्तरीय मत्स्य प्रसंस्करण प्रशिक्षण में प्रतिभागियों ने सीखा मछली का अचार बनाना


रायपुर
इंदिरा गांधी कृषि विश्वविद्यालय के कृषि विज्ञान केन्द्र, रायपुर द्वारा केन्द्रीय मात्स्यिकी प्रौद्योगिकी संस्थान, कोचिन के सहयोग से 18 से 20 अक्टूबर तक आयोजित तीन दिवसीय राज्य स्तरीय मत्स्य प्रसंस्करण प्रशिक्षण कार्यक्रम में प्रतिभागियों को मछली का अचार बनाने का प्रशिक्षण दिया गया। इस तीन दिवसीय प्रशिक्षण कार्यक्रम में 27 प्रशिक्षणार्थियों ने भाग लिया, जिसमें अनूसूचित जाति के 20 प्रतिभागी एवं कृषि इन्टर्नशिप के 07 विद्यार्थी शामिल थे। प्रशिक्षण के दौरान प्राशिक्षणार्थियों को मछली साफ करने से लेकर उसकी कटाई, पेलेट बनाना, तलना, मसाला बनाना, पैकेजिंग, लेबलिंग आदि का प्रशिक्षण दिया गया। कार्यक्रम के समापन सत्र में सह-संचालक अनुसंधान डॉ. विवेक त्रिपाठी मुख्य अतिथि के रूप में उपस्थित थे।

उल्लेखनीय है कि कृषि विज्ञान केन्द्र, रायपुर द्वारा प्रथम बार मत्स्य प्रसंस्करण पर 5 तकनीकी प्रशिक्षण कार्यक्रम का आयोजन इस वित्तीय वर्ष में सम्पन्न किया जाना प्रस्तावित है। इसी कड़ी में मत्स्य प्रसंस्करण – मछली अचार बनाने का राज्य स्तरीय प्रशिक्षण कार्यक्रम केन्द्र द्वारा आयोजित किया गया। मछली प्रसंस्करण की अपार संभावनाओं को ध्यान में रखते हुए इस तरह का प्रशिक्षण कार्यक्रम विश्वविद्यालय में पहली बार आयोजित किया गया। कृषि विज्ञान केन्द्र, रायपुर द्वारा विगत तीन वर्षांे से मछली उत्पादन की उन्नत व कम लागत वाली बायोफ्लॉक तकनीक पर अनेक प्रशिक्षण दिये गयें हैं जिसके फलस्वरूप मछली उत्पादक समूह लाभान्वित हुए हैं। कृषि विज्ञान केन्द्र द्वारा मछली उत्पादन से प्रसंस्करण एवं विपणन तक प्रशिक्षण दिया जाता है। इस प्रशिक्षण में ग्राम – सेरीखेड़ी विकासखण्ड धरसीवां की कल्पतरू मल्टीयूटिलिटी सेंटर, उजाला ग्राम संगठन स्व-सहायता समूह की महिलाओं की सक्रिय भागीदारी रही। इस प्रशिक्षण कार्यक्रम के प्रशिक्षण प्रभारी कृषि विज्ञान केन्द्र, रायपुर के वैज्ञानिक डॉ. सौगात सासमल थे एवं तकनीकी मार्गदर्शन मत्स्यकीय पॉलिटेकनीक कॉलेज धमधा के आनंद वैष्णव द्वारा दिया गया। कार्यक्रम के समन्वयक कृषि विज्ञान केन्द्र, रायपुर के प्रमुख डॉ. गौतम रॉय थे।

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