दरभंगा
दरभंगा के एम्स स्तरीय सरकारी अस्पताल में मरीजों को एंबुलेंस सेवा नही मिल रही है। प्रसव से लेकर एमर्जेंसी तक सभी मरीजों को निजी एंबुलेंस का आसरा है। वजह से तेल। डीएमसीएच के लिए उपलब्ध सभी 11 एंबुलेंस की टंकी में एक बूंद डीजल नहीं है। मरीज व उनके परिजन 102 एम्बुलेंस की सेवा लेने के लिए दर-दर भटक रहे हैं। फोन करते हैं तो जवाब नहीं मिलता है।
चालक से विनती करते हैं तो डीजल नहीं रहने की बात कहकर वे अपनी मजबूरी का बयान करते हैं। जब परिजन बार-बार आग्रह करते हैं तो चालक उन्हीं लोगों से डीजल डलवाकर गंतव्य तक छोड़ने को तैयार हो जाते हैं। एक ओर 102 एंबुलेंसी की तेल की टंकी सूखी पड़ी है, वहीं गरीब व लाचार मरीजों से मनमाना भाड़ा वसूला जा रहा है। निजी एंबुलेंस की सेवा के लिए केवल गायनी विभाग में मरीजों के परिजन ही चक्कर नहीं लगा रहे हैं, बल्कि इमरजेंसी और मेडिसिन विभाग से रेफर किए जाने वाले मरीजों को भी सरकारी एंबुलेंस की सेवा नहीं मिल पा रही है। प्रसव के बाद मरीजों को निजी एंबुलेंस की सेवा लेनी पड़ रही है। 102 एंबुलेंस का संचालन आउटसोर्सिंग एजेंसी के जिम्मे है। चालक बताते हैं कि एजेंसी द्वारा डीजल उपलब्ध नहीं कराए जाने से एंबुलेंस का संचालन नहीं हो पा रहा। अस्पताल में जच्चा-बच्चा को लेकर एक परिजन को ठाठोपुर जाना था। उनकी ओर से काफी आग्रह के बाद चालक ने मजबूरी बताते हुए उन्हीं लोगों से डीजल डलवाने का अनुरोध किया।